इस हफ्ते की शुरुआत मध्य प्रदेश के 42 वर्षीय किसान रमेश बसेने की आत्महत्या के साथ हुई। हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर में बताया गया था कि उस पर 25,000 रुपये का कर्ज था। कुछ ही हफ्ते पहले महाराष्ट्र के एक किसान की 21 वर्षीया बेटी शीतल व्यंकट की आत्महत्या की भी दुखद खबर आई थी। अपनी शादी के लिए पैसे के इंतजाम को लेकर पिता की परेशानी उससे...
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शौचालय चाहिए तो मायके से पैसे लाओ, उसने शौहर का घर ही छोड़ दिया
भोजराज उच्चसरे/शशिकांत तिवारी, भोपाल। जन्म से ही मूक-बधिर रेहाना ने अपने शौहर का घर महज इसलिए छोड़ दिया, क्योंकि ससुराल में शौचालय नहीं है। वह शौचालय बनवाने की गुहार लगाती, इशारों की भाषा से अहमियत समझाती रही, लेकिन ससुराल वालों ने उसकी मौन भाषा नहीं समझी। आखिरकार, अजीज आकर उसने पति का घर छोड़ दिया और मायके लौट आई। अशोका गार्डन स्थित सेठी कॉलोनी की रहने वाली युवती रेहाना (23) का...
More »44 साल का मजदूर, 19 साल का नौजवान..जमीन नहीं थी एक के भी नाम
मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में मंगलवार (छह जून) को पुलिस की गोली से पांच लोग मारे गए थे। मारे गए लोगों में कोई भी भूमि मालिक नहीं था। मरने वाले में एक 19 वर्षीय लड़का भी था जो 12वीं का छात्र था। मरने वाले में एक 23 वर्षीय युवक भी था जिसकी दो महीने पहले ही शादी हुई थी और वो सेना में भर्ती होना चाहता था। एक 30...
More »अनदेखी से फूटा गुस्सा-- देविन्दर शर्मा
देश में जहां कहीं भी किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, उससे यह बात साफ हो जाती है कि आखिर कब तक किसान चुप रहेंगे और कब तक बर्दाश्त करते रहेंगे. यह एक बड़ी सच्चाई है कि पिछले 40-50 साल से किसानों के साथ अत्याचार यह हो रहा है कि एक डिजाइन के तहत उनको कमजोर करके रखा जा रहा है. बस, बीच-बीच में कभी-कभार उनकी मदद...
More »एसी वाली कॉरपोरेट लाइफ छोड़ बनी किसान-- रचना प्रियदर्शिनी
तेजी से औद्योगिकीकरण की ओर बढ़ते इस मशीनी युग में जहां गांवों की अधिकतर आबादी बेहतर जीवन और सुख-सुविधाओं की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर रही है, वहीं एक बेटी ऐसी भी है, जिसने कॉरपोरेट लाइफ की अच्छी-खासी जॉब को ठुकरा कर गांव में खेती करने के लिए वापस लौट आयी. इस बेटी का नाम है-अंकिता कुमावत. जानते हैं अंकिता के इस निर्णय की आखिर वजह क्या ...
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