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क्यो योजना आयोग गैर-जरुरी है- परंजयगुहा ठाकुरता

रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने उद्बोधन में कहा कि उनकी सरकार ने योजना आयोग को समाप्त करने और उसके स्थान पर एक नई संस्था बनाने का निर्णय ले लिया है, जो कि देश के संघीय ढांचे को और मजबूत करेगी। फिलवक्त यह संभव नहीं है कि मार्च 1950 में पं. जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित योजना आयोग के मौजूदा स्वरूप और नए प्रस्तावित संस्थान के बीच हम तुलना...

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योजना आयोग की जगह स्पेशल-5,शिवसेना के प्रभु होंगे प्रमुख!

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से योजना आयोग को खत्म करने की बात कही है, वैकल्पिक व्यवस्था पर कयास लगने लगे हैं. द इकोनॉमिक टाइम्स की मानें, तो मोदी से शक्तियां लेनेवाला पांच सदस्यीय थिंक टैंक योजना आयोग की जगह लेगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु पैनल का सबसे अहम चेहरा हो सकते हैं. साथ ही मुक्त बाजार के हिमायती भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री अरविंद पनगढि़या और विवेक देबरॉय भी...

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तरक्की का चमत्कार हिबड़े बाजार

कुशल प्रशासन और चुस्त प्रबंधन की वजह से महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के हिबड़े बाजार गांव की आज पूरे देश में चर्चा है. कैसे एक युवा सरपंच के नेतृत्व में एकजुट हिबड़े बाजार के लोगों ने गरीबी से न केवल मुक्ति पा ली, बल्कि आज पूरा गांव आत्मनिर्भर है. ‘राहें और भी हैं' की इस सीरीज में आज पढ़ें गवर्नेस के सफल मॉडल बन चुके हिबड़े बाजार की तरक्की की...

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वंचित भारत की कहानी- इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट की जुबानी

‘अतुल्य भारत' के भीतर एक वंचित भारत रहता है,दलित और आदिवासी समुदाय इसी वंचित भारत के वासी हैं। क्या इस वंचित भारत का निर्माण राज्यसत्ता के हाथों जीवन के लिए जरुरी बुनियादी सेवा-सामानों से लोगों को बेदखल करके हुआ है? जैसा कि नाम से ही जाहिर है,इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट 2013-14 का एक निष्कर्ष यह भी है! (कृपया देखें नीचे दिया गया रिपोर्ट की भूमिका की लिंक) मिसाल के लिए इन...

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बेदखली का शिकार ‘वंचित भारत’- चंदन श्रीवास्तव

सत्य अनुभव की चीज है, तथ्य आकलन की. तथ्य यह है कि भारत के भीतर एक वंचित भारत रहता है और सत्य यह कि इस वंचित भारत का निर्माण उसे जीवन जीने के लिए जरूरी बुनियादी सेवाओं-सुविधाओं से बेदखल करके हुआ है. बुनियादी सेवा-सुविधाओं से बेदखली के विराट आयोजन का ही नतीजा है कि इस मामले में देश के कुछ समुदाय शेष की तुलना में कोसों पीछे हैं. मिसाल के...

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