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मौसम में उतार-चढ़ाव से फसलों को नुकसान

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र : मौसम के मिजाज में चल रहे उतार-चढ़ाव की मार अब चने की फसल पर पड़ने लग गई है। चने की अगेती और मटर की पछेती फसल में फली छेदक कीट का प्रकोप बढ़ने लगा है। इसका सीधा असर चने के उत्पादन पर पड़ेगा। कृषि विशेषज्ञों की राय में यह फली छेदक कीट का शुरुआती दौर है, अभी से बचाव किया गया तो फसल में होने वाले नुकसान को कम...

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फसल पर अब पाले की मार के आसार

मौसम में अचानक आए परिवर्तन से लगातार गिर रहे तापमान और घने कोहरे के चलते पाला पड़ने के आसार बन गए हैं। पाले से रबी की अधिकतर फसलों को खराब होने की आशंका बढ़ गई है। मौसम ने किसानों की धड़कने बढ़ा दी है। वहीं दूसरी तरफ कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को पाले से सचेत रहने की सलाह दी है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में आए परिवर्तन और घने कोहरे से सरसों...

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अभी और बढ़ेगी महंगाई

साल २००५ से २००७ के बीच दुनिया में गेंहूं, चावल और तेलहन के दामों में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है और इन चीजों के दामों में साल २००८ की पहली छमाही में भी बढ़ोतरी जारी रही।ओईसीडी(आर्गनाइजेशन फॉर इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगामी दस सालों में चावल-गेहूं सहित बाकी अनाज और तेलहन में पिछले दशक के मुकाबले १० से ३५ फीसदी की बढ़ोतरी होगी।...

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का बरसा जब कृषि सुखाने...

कहावत है कि का बरसा जब कृषि सुखाने और इस कहावत से सीख लेते हुए मानसून की पिछात बारिश में  मारे खुशी के फूलकर कुप्पा होने से पहले यह सोचना जरुरी है कि आखिर नुकसान कितना हो चुका है। नुकसान हुआ है और भरपूर हुआ है। देश के खेतिहर इलाके के ६० फीसदी हिस्से पर, खासकर उत्तर-पश्चिमी हिस्से में, इस बार रबी की फसल नहीं काटी जा सकेगी और ये...

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पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट

खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...

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