राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के चारों ओर चार राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ‘केरोसिन मुक्त' बन गए हैं, यह ईंधन के उपयोग को कम करने के लिए सरकार के अभियान की सफलता को दिखाता है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आंध्र प्रदेश, दादर-नगर हवेली, दमन-दीव और पुडुचेरी ने वित्त वर्ष 19 की पहली तिमाही के लिए पीडीएस केरोसिन को नहीं हटाया है. चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में केरोसिन का आवंटन पहले ही बंद...
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श्योपुर जिले में जलसंकट : मवेशियों के साथ पलायन कर गए ग्रामीण
श्योपुर-बड़ौदा। सूखे का असर इंसानों के साथ जानवरों पर भी विपरीत रूप से पड़ा है। कराहल एवं विजयपुर विकासखंड के वनांचल में बसने वाले पशुपालक अपने मवेशियों की जान बचाने के लिए पलायन कर गए हैं। दोनों विकासखंड से पलायन करने वाले मवेशियों की संख्या 7 हजार से अधिक हैं। इनमें से 5 हजार गाय व 2 हजार भैंस और भेड़-बकरियां हैं। कलमी-गोरस पिपरानी आदि गांवों में गुर्जर-मारवाड़ी समुदाय के लोग...
More »छग: ज्यादातर आबादी खेती पर निर्भर, लेकिन सिंचाई का ही सिस्टम ध्वस्त
रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में 2003 से 2013 तक भाजपा विधायक के कार्यकाल में सड़क, पुल-पुलियों और सिंचाई के लिए बांध बनाने में सबसे ज्यादा खर्च हुआ। पिछले साढ़े चार साल से कांग्रेस के विधायक हैं, जो कि क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करते रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी विकास कार्यों को पहले की तरह गति नहीं मिल पा रही है। सड़क और पुल-पुलिया...
More »दलितों की नहीं, वोट बैंक की फिक्र - प्रदीप सिंह
जहां व्यक्तियों के निजी स्वार्थ बहुत महत्वपूर्ण हों और समाज का कोई स्वार्थ न हो, वहां अंतर्कलह होना कोई अनहोनी बात नहीं है। यह बात आज की राजनीतिक परिस्थिति पर सटीक बैठती है। राजनीतिक दलों के स्वार्थ समाज और देश के हित पर भारी पड़ रहे हैं। राजनीतिक दलों की आपसी प्रतिद्वंद्विता/प्रतिस्पर्द्धा स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छी भी है और जरूरी भी। संसदीय जनतंत्र में विपक्ष की भूमिका बड़ी अहम...
More »निजीकरण नहीं वनों का हो कायाकल्प-- रामचंद्र गुहा
पैंतालीस साल पहले अलकनंदा घाटी के ग्रामीणों ने जब जंगल से पेड़ काटकर ले जाने वालों को रोका, तो किसी ने सोचा न होगा कि यहीं से चिपको आंदोलन की नींव पड़ने जा रही है। एक ऐसा किसान आंदोलन, जिसने भारत में वनों के व्यावसायिक दोहन पर सबका ध्यान खींचा। चिपको आंदोलन का ही यह असर था कि वनाधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ी। गढ़चिरौली, बस्तर, सिंहभूम और पश्चिमी घाट सहित...
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