जनसत्ता 29 जुलाई, 2013: भूमंडलीकरण का यह वह दौर चल रहा है जब सारे प्राकृतिक संसाधनों का फटाफट और अंधाधुंध दोहन कर लिया जाए, हो सकता है फिर ऐसा सुनहरा अवसर इन कंपनियों को मिले या न मिले। नई आर्थिक नीति की चरम परिणति जन-विरोधी वैश्वीकरण के रूप में अब सामने आ रही है। बहुराष्ट्रीय निगमों, उनको मॉडल मानने वाले देशी पूंजीपतियों और प्राकृतिक संसाधनों की बंदरबांट में लगे राजनीतिकों,...
More »SEARCH RESULT
बिहार को 4130 करोड़ रुपये की मंजूरीः जयराम
पटना: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने आज बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत बिहार में 5700 किलोमीटर सडकों के निर्माण के लिए इस वर्ष जुलाई महीने में 4130 करोड रुपये की मंजूरी दी गयी है. बिहार के नक्सल प्रभावित पश्चिमी चंपारण जिला में ग्रामीण कार्यों की समीक्षा के लिए यहां आए जयराम ने पटना स्थित कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया...
More »पहाड़ के दुख के बीच रैम्बोगीरी
जनसत्ता 4 जुलाई, 2013: जोसेफ हैलर के प्रसिद्ध उपन्यास ‘कैच ट्वेंटी टू' में किसी नकली बीमारी का बहाना बना कर खुद को युद्धक्षेत्र भेजे जाने से मुक्त कर चुका बमवर्षक यूनिट का पादरी पाता है कि आह, भरोसेमंद तरीके से सचमुच का झूठ बोल जाना कितना सहज है! छाती ठोंक कर वह कहता है कि दरअसल निर्ममता को देशप्रेम और परउत्पीड़न को न्याय का पर्याय बताने वाले सफेद झूठों को...
More »पहाड़ की बेटियां लिख रहीं उच्च शिक्षा की इबारत
मेगास्थनिज ने अपने यात्रा विवरण में ईसा से 300 साल पूर्व संताल परगना के पहाड़ों और जंगलों में निवास करने वाली जिस जनजाति की चरचा की थी, वह है पहाड़िया आदिम जनजाति. सदियों शोषण, कुपोषण, अशिक्षा और अभाव में रहा यह समाज तेजी से बदल रहा है. इस बदलाव में इस समाज के बेटियां भी बड़ी भूमिका निभा रही हैं. अब पहाड़ों और जंगलों में लकड़ी कटने या कंदमूल उखाड़ने तक...
More »विश्वास जीते बिना हल नहीं- सुदीप श्रीवास्तव
दरभा घाटी में जिस तरह नक्सलियों ने कार्रवाई की है, उसके कई आयाम दिख रहे हैं। इससे पहले राजनेताओं पर इतने बड़े पैमाने पर नक्सलियों ने आक्रमण नहीं किया था, फिर इस घटना ने नक्सलियों की रणनीति को भी उलझा दिया है। नक्सल विरोधी आंदोलन के अगुवा रहने के कारण महेंद्र कर्मा की हत्या की वजह तो दिखती है, पर प्रत्यक्ष रूप से कोई रिश्ता नहीं होने के बाद भी नंद कुमार...
More »