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कोरोना संकट में दिखा गरीबी का नया मानचित्र

-इंडिया टूडे, कोरोना संकट ने सचमुच गरीबी का नया मानचित्र दिखाया है. इस मानचित्र में ऐसे गरीब ज्यादा हैं जो रोज न कमाएं तो उनके लिए पेट की भूख को शांत करना मुश्किल है. सरकारी स्तर पर बांटे जा रहे राशन और फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के आंकड़ों पर गौर करें तो ऐसे गरीबों की भी तादाद बड़ी है जो रोज न कमाएं तो उन्हें परिवार के साथ भूखे पेट ही...

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कोविड-19 के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है सेल थेरेपी ट्रीटमेंट

-डाउन टू अर्थ, सेल थेरेपी पर आधारित यह उपचार कोरोनावायरस के उन रोगियों के लिए लाभदायक हो सकता है जो सांस सम्बन्धी गंभीर समस्याओं को झेल रहे हैं। यह क्लीनिकल ट्रायल प्रोफेसर डैनी मैकॉली और प्रोफेसर सेसिलिया ओ'केन के नेतृत्व में किया गया है। जोकि क्वींस यूनिवर्सिटी के वेलकम-वोल्फसन इंस्टीट्यूट फॉर एक्सपेरिमेंटल मेडिसिन में शोधकर्ता हैं। इस क्लीनिकल ट्रायल में शोधकर्ता कोविड-19 के कारण मरीजों में होने वाली एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम...

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क्या मनरेगा बजट डूबती ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए काफी है?

वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी, 2020 को प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2020-21, सामाजिक कार्यकर्ताओं और किसान समूहों (यहां और यहां क्लिक करें) को प्रभावित करने में विफल रहा हैं. अपनी प्रेस नोटों के माध्यम से, इन सगंठनों के सदस्य विशेष रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) और प्रधानमंत्री किसान विकास योजना (PM-KISAN)और ग्रामीण और कृषि क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन में बढ़ोतरी करने के लिए केंद्र सरकार से लगातार मांग कर...

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बजट 2020 : सीधा-सरल नहीं, अंदर की बात में छिपे हैं झटके

-आउटलुक हिंदी   वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दशक का पहला बजट पेश करते हुए उसकी थीम “आकांक्षी भारत, आर्थिक विकास और हितैषी समाज” बताई। इस बजट से आम आदमी, किसान, कॉरपोरेट जगत को भी कई सारे आकांक्षाए थी। उसे उम्मीद थी कि मंदी के भंवर में फंस चुकी अर्थव्यवस्था को निकालने के लिए वित्त मंत्री लोगों के बजट में इजाफा करेंगी। इसके लिए उन्होंने टैक्स छूट का ऐलान भी किया। बजट...

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नरेगा संघर्ष मोर्चा 2020-21 में नरेगा के लिए पर्याप्त बजट की मांग करता है

जैसे कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुर्बल हो रही है, सरकार राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) के कामकाज में सुधार के लिए  हाल ही में नोबेल पुरुस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी सहित कई प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों द्वारा दी गई सलाह को नज़रअंदाज़ कर रही है। अर्थव्यवस्था को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। भारत में वर्तमान समय में  पिछले 45 वर्षों में  सर्वाधिक बेरोजगारी की  दर  हैऔर खाद्य मुद्रास्फीति नवंबर 2019 में दो  अंको  पर पहुंच गई है , जो पिछले  71 महीनो  में सर्वाधिक है । सरकार के स्वयं...

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