आज शायद ही किसी को वह चिट्ठी याद होगी जिसे सात अगस्त 2013 को नरेन्द्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखा था. इस चिट्ठी में मोदी ने दुख जताया था कि "खाद्य सुरक्षा का अध्यादेश एक आदमी को दो जून की रोटी भी नहीं देता." खाद्य-सुरक्षा के मामले पर लोकसभा में 27 अगस्त 2013 को बहस हुई तो उसमें भी ऐसे ही मनोभावों का इज़हार हुआ. तब भारतीय जनता पार्टी के...
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पानी की आस: 40 लाख लोगों को मिलेगी जल संकट से राहत - बलिराम सिंह
नई दिल्ली. पेयजल संकट से परेशान दिल्ली की एक बड़ी आबादी को राहत देने के लिए लगभग 520 करोड़ रुपए की लागत से दो साल पहले मुनक कैनाल का निर्माण तो कर दिया गया, लेकिन आज भी इस कैनाल (नहर) में पानी नहीं आया। कैनाल में पानी आते ही दिल्ली के लगभग 80 एमजीडी क्षमता वाले तीन जल शोधन संयंत्र चालू हो जाएंगे और दिल्ली के लगभग 40 लाख लोगों...
More »निर्मल गंगा का सपना- केपी सिंह
जनसत्ता 25 जून, 2014 :गंगा को निर्मल बनाने का अभियान नई सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। सरकार की प्रतिबद्धता इसी बात से आंकी जा सकती है कि इस संबंध में प्रारंभिक बैठकों का दौर शुरू हो चुका है। काम बहुत मुश्किल है, पर असंभव नहीं। गंगा हिमालय से निकल कर उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से बहते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर समुद्र...
More »समग्र स्वास्थ्य नीति के आधार- रितुप्रिया
जनसत्ता 17 जून, 2014 : दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट गहरा रहा है। पिछले डेढ़ सौ सालों में बनीं यूरोप और उत्तरी अमेरिका की सेवाएं उनके लिए भी अत्यधिक महंगी और एकांगी साबित हो रही हैं। मकिंजी कंपनी ने अनुमान लगाया था कि अगर स्वास्थ्य-सेवाओं पर खर्च ऐसे ही बढ़ता रहा तो 2100 में अमेरिका को अपनी सकल आय का सत्तानबे फीसद और यूरोप को साठ फीसद स्वास्थ्य...
More »इन्क्लूसिव मीडिया- यूएनडीपी फैलोशिप 2014 के लिए आवेदन आमंत्रित हैं
इन्कूलिसिव मीडिया-यूएनडीपी फैलोशिप-2014 के लिए पत्रकारों से हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में आवेदन आमंत्रित हैं। फैलोशिप के लिए आवेदन विकासशील समाज अध्ययन पीठ( सीएसडीएस) की एक परियोजना इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज की ओर से आमंत्रित किए गए हैं। यह फैलोशिप ग्रामीण-संकट/ ग्रामीण-विकास तथा वंचित तबके के मुद्दों पर मीडिया कवरेज बढ़ाने और कवरेज को पैना बनाने के लिए दी जा रही है। फैलोशिप का उद्देश्य लोकतांत्रिक सामाजिक बदलाव को बढ़ावा देना है, खासकर सशक्तीकरण, भागीदारी और सुशासन(गुड-गवर्नेंस) के जरिए। इन्कूलिसिव मीडिया फॉर...
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