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छुआछूत और अपमान की वजह से स्कूल छोड़ देते हैं वाल्मीकि समुदाय के ज़्यादातर बच्चे

-गांव कनेक्शन,  रिया के दिन स्कूल में बहुत थोड़े लेकिन दर्द भरे थे। उसे छह साल की उम्र में स्कूल में दाखिला तो मिल गया था मगर उसे बाकी बच्चों से अलग बैठाया जाता था। उसे स्कूल में बैठने के लिए अपने घर से एक ख़ाली बोरी लानी होती थी और उसे ज़मीन पर बिछाकर उसी पर बैठना होता था। रिया के साथ छुआछूत इतनी ज़्यादा थी कि उसे कुछ ही...

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लॉकडाउन के बाद भी भुखमरी और सिकुड़ती आय के खतरे बरकरार!

11 राज्यों के 3,994 उत्तरदाताओं के बीच एक सर्वेक्षण के प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि अधिकांश कमजोर परिवारों और समुदायों, जैसे कि एससी, एसटी, ओबीसी, पीवीटीजी, झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले, दिहाड़ी मजदूर, किसान, एकल महिला परिवार, इत्यादि में लॉकडाउन से पहले उनकी आय के स्तर की तुलना में सितंबर-अक्टूबर के दौरान उनकी आय कम रही है. राइट टू फूड कैंपेन और सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (टेलीफोनिक सर्वेक्षण के...

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“कलाकारों को तय करना होगा कि वे किसान के साथ हैं या सत्ता के”, किसान आंदोलन में शामिल पंजाबी फिल्म निर्देशक जतिंदर मोहर

-कारवां, जारी किसान आंदोलन में पंजाब के कलाकार भी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. यह अभूतपूर्व है क्योंकि आमतौर पर भारत में फिल्मी कलाकार, कुछेक अपवाद को छोड़ कर, अमूमन राजनीतिक स्टैंड लेने से बचते है, तब भी जब देश की राजनीति उन्हें सीधे प्रभावित करती है. हाल में हिंदी फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद कुछ विशेष कलाकारों पर दक्षिणपंथियों के हमले के समय भी देखा...

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दलित बच्चों पर कहर बन रहा है फूलों की खेती का जहर: रिपोर्ट में खुलासा

-न्यूजलॉन्ड्री, भारत में एक तरफ छोटे किसान बेहतर आमदनी के लिए भले ही निर्यात होने वाले फूलों की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ इसकी बड़ी कीमत मासूम बच्चों को चुकानी पड़ रही है. तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले में बड़े पैमाने पर चमेली की खेती की जाती है, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन करते हुए प्रतिबंधित जहरीले रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है. चौंकाने वाला...

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त्योहारी सीजन के दौरान भी व्यक्तिगत ऋणों में दिखे गिरावट के रूझान

इस साल धनतेरस और दिवाली से ठीक पहले, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने मासिक बुलेटिन का नवंबर संस्करण जारी किया. नवीनतम आरबीआई मंथली बुलेटिन में बताया गया है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (यानी जुलाई-सितंबर, 2020) में जीडीपी में -8.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. यह गौरतलब है कि भारत की...

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