यह आलेख मैं अपने टूट हुए पैर के साथ इंगलैंड के हर्टफोर्डशायर से लिख रहा हूं. मैं उस समय गेंदबाजी कर रहा था, जब मेरा बायां पैर भीतर की ओर मुड़ गया और मैं गिर पड़ा. नतीजा, मेरा टखना टूट गया. गिरने के बाद मुझे पता चला गया था कि मेरी समस्या गंभीर है. हालांकि, अपने मन को मनाने के लिए मैंने यह सोचना शुरू कर दिया कि मुझे...
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सर्जरी के बाद बेहतर इलाज की बारी - डॉ. भरत झुनझुनवाला
यह सही है कि नोटबंदी केबाद अर्थव्यवस्था कुछ मंद पड़ रही है। किंतु इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार का यह साहसिक कदम लाभप्रद सिद्ध होगा यदि आगे की नीतियां सही हों, जैसे सर्जरी के बाद मरीज को सही खुराक देने से वह स्वस्थ हो जाता है। पहला मुद्दा सरकारी खर्चों की गुणवत्ता का है। नोटबंदी से डिजिटल क्षेत्र में व्यापार बढ़ेगा। जो माल पूर्व में बिना टैक्स अदा...
More »स्थानीयता है कुंजी-- नीलम गुप्ता
जलवायु परिवर्तन, भूख, कुपोषण, बढ़ती गरीबी, घटते संसाधन, ये सभी ऐसी समस्याएं हैं जिनसे आज सारी दुनिया जूझ रही है। अरबों रुपए इन समस्याओं के हल के लिए अंतराष्ट्रीय सम्मेलनों पर खर्च किए जा चुके हैं। आगे भी किए जाएंगे। पर हल तब भी शायद ही निकले। तो क्या किया जाए? गांधी-विचारों में रची-बसी, स्वाश्रयी महिला सेवा संघ (सेवा), अमदाबाद की संस्थापक और गुजरात विद्यापीठ की चांसलर इला भट्ट के...
More »क्यों बढ़ रही है इलाज में लापरवाही-- महेन्द्र अवधेश
ओड़िशा एक बार फिर शर्मसार है। दाना मांझी प्रकरण की कालिख से बदरंग हुआ चेहरा भी राज्य सरकार को सबक नहीं दे सका। बीते अठारह अक्तूबर को राउरकेला जिला अस्पताल में लहुणीपाड़ा निवासी बबलू भूमिज अपनी ढाई साल की बच्ची का शव घर ले जाने के लिए एक अदद एंबुलेंस की खातिर डॉक्टरों की मनुहार करते रहे, लेकिन चौबीस घंटे तक भरसक प्रयास करने के बावजूद वह अंतत: नाकाम रहे।...
More »सरकार द्वारा कम खर्च के चलते बढ़ रहा है जोखिम, एक साल में डेढ़ गुना हुए टीबी मरीज
टीबी से मरते लोग भारत समेत दुनिया में तपेदिक (टीबी) से होनेवाली मौतों में लगातार कमी आ रही है, लेकिन हमारे देश में इस बीमारी के शिकार लोगों की संख्या बढ़ रही है. वर्ष 2015 में एक साल पहले की तुलना में टीबी के 50 फीसदी अधिक मामले सामने आये थे. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसी हफ्ते जारी ‘ग्लोबल टीबी रिपोर्ट' से संकेत मिलता है कि टीबी...
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