जिस व्यक्ति, संस्था या विभाग ने तैयारियों में थोड़ा सा भी योगदान किया था कॉमनवेल्थ खेलों के उद्धाटन समारोह लंबे भाषणों में सबको याद किया गया। क्या किसी को इन भाषणों में उन हजारों मजदूरों के लिए भी आभार का एक शब्द सुनाई दिया जिनकी मेहनत से यह विश्वस्तरीय आयोजन संभव हो सका। शायद यह अनजाने में होने वाली भूल हो या फिर यह भी हो सकता है कि ऐसा करना जरुरी ना लगा हो। वैसे भी,...
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शोषण का खेल चालू है..- शिरीष खरे
राष्ट्रमंडल खेल दिल्ली को दुनिया के बेहतरीन खेल शहरों में शामिल कर जायेंगे. यह अभी तक के सबसे मंहगे राष्ट्रमंडल खेल होंगे. यह अभी तक के सबसे सुरक्षित राष्ट्रमंडल खेल भी होंगे. राष्ट्रमंडल खेलों के सफ़ल आयोजन के साथ ही भारत को एक ओर्थक महाशक्ति के रूप में पेश कर सकेंगे. रुकिए-रुकिए. बड़े-बड़े दावों के बीच से कहीं यह उपलब्धि भी छूट न जाये कि मजदूरों के नाम पर उपकर के...
More »लोकतंत्र के अनूठे उत्सव में भागीदारी का न्यौता
लोकतत्र का एक अनूठा उत्सव गांधी-जंयती यानी दो अक्तूबर से जयपुर में शुरु होने जा रहा है। इसमें देश भर से मीडिया प्रतिनिधि को आमंत्रित किया गया है। सूचना के अधिकार से संबंधित आरटीआई मंच और एमकेएसएस जैसे कुछ तृणमूल स्तर के संगठन गांधी-जयंती के दिन से एक शांतिपूर्ण धरने का आयोजन कर रहे हैं।लोकतंत्र के इस उत्सव ने देश के कई नामी-गिरामी लेखकों, संपादकों, विकासपरक मुद्दों के विचारकों और नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों सहित राजस्थान...
More »आने वाले समय में बदलेगी डाकघरों की तस्वीरःसचिन पायलट
अजमेर केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि आने वाले समय में डाक विभाग की तस्वीर बदली हुई नजर आएगी। वर्ष 2012 तक देश के सभी डाकघरों का नवीनीकरण किया जाएगा। प्रोजेक्ट ऐरो के तहत प्रदेश में अब तक 140, अजमेर रीजन में 53 तथा अजमेर जिले में अब तक 28 डाकघरों का नवीनीकरण हो चुका है। भूडोल गांव में रविवार को डाक जीवन बीमा बांड...
More »मनरेगा- कहीं नरम , कहीं गरम
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा) के बारे में ज्यादातर खबरें या तो उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार की होती हैं या फिर योजना की कारआमली में हो रही ढिलाई की। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा पर कुल 40 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं लेकिन शहराती मध्यवर्ग का एक बड़ा तबका और जनमत-निर्माता इसी पसोपेस में हैं कि आखिर इन रुपयों से कुछ सार्थक हो भी रहा है या नहीं। नुक्ताचीनी की बातों...
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