जनसत्ता 6 नवंबर, 2012: अमिताभ बच्चन जब भी रेडियो और टेलीविजन पर एक विज्ञापन ‘खुशबू गुजरात की’ करते हैं तो उनकी दिलकश आवाज और लहजे से एक बार तो मन करता है कि ‘गुजरात-2002’ को भूल कर एक साधारण पर्यटक की तरह गुजरात घूमा जाए। नरेंद्र मोदी ने, विशेषकर 2002 के बाद, मीडिया में अपनी और गुजरात की छवि सुधारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दरअसल, 2002 के दंगों के एक वर्ष बाद...
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बुजुर्गों से मांगा जा रहा ऐसा सर्टिफिकेट कि सुन कर आ जाए शर्म
जयपुर. जिंदा होने के बावजूद खुद का जीवित प्रमाण-पत्र पेश करने वाले बुजुर्ग पेंशनरों का एक दर्द और भी है। 60 साल से अधिक उम्र की महिला पेंशनरों को हर साल नवंबर में इस बात का प्रमाण-पत्र देना पड़ता है कि उन्होंने दूसरा विवाह नहीं किया है। इस प्रमाण-पत्र के बिना महिला पेंशनरों को पेंशन व भंडार से दवा मुहैया नहीं कराई जाती। सोमवार को भास्कर ने पेंशनरों से बात की...
More »छह साल की उम्र में सर से उठा मां का साया, समाज ने बना दिया नौकरानी
अम्बाला। तब उसकी उम्र करीब छह साल थी। मां का साया सिर से उठ चुका था। पिता की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। उस समय उसे जरूरत थी कि कोई मदद के लिए आगे आए, सहारा बने, ताकि बच्ची का भविष्य बन जाए। ऐसे में पिता का एक जानकार आगे आया, लेकिन बच्ची का भविष्य...
More »परमार्थ में पूंजी- सुभाष गताडे
जनसत्ता 5 नवंबर, 2012:खबर है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में भारतीय कंपनी अधिनियम में संशोधन का विधेयक पेश करेगी। कहा जा रहा है कि कॉरपोरेट क्षेत्र की सामाजिक जिम्मेदारी को प्रस्तुत अधिनियम में शामिल करने को लेकर लंबे समय से चल रही चर्चाओं, बहस-मुबाहिसे की परिणति संशोधित अधिनियम की धारा-135 में दिखाई देगी। यह प्रस्तावित किया जा रहा है कि हर वह कंपनी, जिसकी खालिस कीमत पांच सौ करोड़...
More »अमेठी में स्कूलों से भूखे पेट लौट रहे हैं बच्चे
स्वामीनाथ शुक्ल, अमेठी। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक फरमान से जिले के 1766 सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना संकट में है। करीब ढाई लाख बच्चे रोजाना स्कूल से भूखे पेट घर लौट रहे है। रसोई गैस की कीमत बढ़ने से विद्यालयों में भोजन बनना बंद हो गया है। इससे स्कूलों में सन्नाटा छा गया है। दरअसल, अधिकांश बच्चे स्कूलों में भोजन, वर्दियां, बैग, वजीफा और सरकारी किताबों की लालसा में पढ़ने जाते...
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