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किसके हक में- वंदना शिवा

तमिलनाडु के कुडनकुलम में बन रहे परमाणु बिजली संयंत्र के विरोध ने एक बार फिर परमाणु ऊर्जा को लेकर पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने संयंत्र को पूरी तरह सुरक्षित बताया है, लेकिन परमाणु सुरक्षा का मसला सिर्फ विशेषज्ञों द्वारा तय किया जाने वाला मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक लोकतांत्रिक मुद्दा है। यह पारिस्थितिकी से जुड़ा ऐसा मुद्दा है, जिसमें प्रकृति...

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दुख और संघर्षो का बोझ : हर्ष मंदर

पुणे की यरवदा जेल का बैरक नंबर तीन। सूरज की पहली किरणों इसके उदास अंदरूनी अहातों तक पहुंचें, इससे भी पहले एक महिला उठकर काम में जुट गई है। यह उसकी दिनचर्या का एक हिस्सा है। बैरक की ठंडी फर्श पर अब भी 52 महिला बंदी अलसभोर की गहरी नींद में डूबी हुई हैं। सभी के बदन पर हरी साड़ियां हैं, जिनका रंग अब फीका पड़ता जा रहा है। बंदिनियों की यही...

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मुश्किल है गरीबों की पहचान? : हर्ष मंदर

यदि आप किसी गांव में जाएं और ग्रामीणों से पूछें कि यहां रहने वाले लोगों में से कौन गरीब हैं, तो उनके लिए इस सवाल का जवाब देना कठिन नहीं होगा। शायद वे किसी दृष्टिहीन विधवा का नाम बताएं, या किसी बुजुर्ग दंपती की ओर इशारा करें, जो भीख मांगकर पेट भरते हैं, या कर्ज के बोझ तले दबे किन्हीं किसानों का उल्लेख करें। वे गरीबों की अपनी सूची में पिछड़ी जाति के...

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सोना कर रहा नदियों को प्रदूषित

दुनिया भर में हर साल 70 फ़ीसदी सोने से गहना बनाया जाता है, लेकिन सोने का गहना पहनने की कीमत बहुत अधिक है. एक अंगूठी का मतलब है, 20 टन जहरीला कचरा. जो जीवन के बंधन पर सोने की अंगूठियों की मुहर लगाता है, जाने-अनजाने कंधे पर एक भारी बोझ भी डालता है. सिर्फ़ एक अंगूठी को बनाने में जो कचरा निकलता है, उसे साफ़ करने के लिए कई ट्रक लगते हैं....

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प्लास्टिक से बनाई सड़कें !

भारतीय शहरों का ज़िक्र हो और सड़कों की बात चले तो ध्यान आती हैं टूटी-बदहाल सड़कें और बड़े-बड़े गड्ढे. ये सड़कें न सिर्फ ज़िंदगी की रफ्तार धीमी करती हैं बल्कि शहरों और कस्बों की खूबसूरती में पैबंद की तरह खटकती हैं. लेकिन भारत का एक शहर ऐसा भी है जहां एक शख्स ने कूड़े-कचरे और बेकार प्लास्टिक से सड़कें बनाने की नायाब पहल की. पेश है इस अनोखी कोशिश से जुड़ी सिटीज़न रिपोर्टर...

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