लंदन : मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भारत में नये शासन में सांप्रदायिक हिंसा बढी है और भूमि अधिग्रहण अध्यादेश से हजारों भारतीयों के जबरन बेदखली का खतरा पैदा हो गया है. यहां जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2015 में एमनेस्टी ने 2014 मई के आम चुनावों को लेकर चुनाव संबंधी हिंसा, सांप्रदायिक झडपों और कॉरपोरेट परियोजनाओं पर सलाह मशविरे में नाकामी...
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भाषाई मानवाधिकार का मसला - लाल्टू
मराठी साहित्य में अपने योगदान के लिए इस साल ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले भालचंद्र नेमाड़े ने कहा है कि अंगरेजी की वजह से भारतीय भाषाएं खत्म हो रही हैं। वे इससे भी आगे बढ़ कर यहां तक कह गए हैं कि हमें अंगरेजी को हटाने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। सलमान रुश्दी और सर विदिया नायपॉल का जिक्र करते हुए नेमाड़े ने कहा कि भारतीय भाषाओं में जो लिखा...
More »कब समझेंगे उनके बेघर होने का दर्द- सुभाषिनी सहगल अली
बहुत ही छोटा-सा शब्द है घर। लेकिन शायद इससे ज्यादा महत्व और मायने से भरा शब्द किसी इन्सान के लिए है ही नहीं। इसका होना उसको 'अपना' कहने वाले को पहचान, परिभाषा, संरक्षण- सब कुछ देता है। इसलिए बेघर हो जाने से बड़ी सजा किसी को नहीं दी जा सकती। ऐसा नहीं है कि राहुल की मां अकेले ही बेघर हुई। 15 साल पहले, जनवरी के सर्द दिनों में उनके...
More »अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाथ देसाई ने कहा, बंधुआ मजदूर की तरह हैं घर में काम करनेवाले
रांची: प्रसिद्ध अर्थशास्त्री लॉर्ड मेघनाद देसाई ने कहा कि अपने घर में काम करनेवालों (हाउसहोल्ड वर्कर) की स्थिति बंधुआ मजदूरों की तरह है. उनके काम की न तो गिनती होती है और न ही उनको इस काम के बदले मजदूरी मिलती है. अपने घर में काम करनेवालों की स्थिति बाजार में काम करनेवालों से पूरी तरह से अलग है. वह बिना किसी शर्त और भुगतान के काम करते हैं. राष्ट्र के...
More »नौकरशाहों से मुक्त हो नया आयोग- भरत झुनझुनवाला
प्रभात खबर(लेख)नये योजना आयोग में ऐसे लोगों की नियुक्ति हो, जिनकी पहचान स्वतंत्र हो, ताकि सरकार का दखल न हो. ऐसे स्वतंत्र आयोग की देश को नितांत जरूरत है. सरकारी नौकरों के एक और समूह को योजना आयोग का जामा पहनाने से काम नहीं चलेगा. हाल में संपन्न हुए मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में सहमति बनी कि योजना आयोग द्वारा राज्यों के वार्षिक प्लान को स्वीकार करने की व्यवस्था को समाप्त कर...
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