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भारतीय कंपनियों के बार्डरुम में दलित कहां हैं?

सोचकर बताइए कि स्टॉक-एक्सचेंज में सूचीबद्ध भारत की निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनियों के बोर्डरुम में दलित या फिर आदिवासी समुदाय के व्यक्ति कितने फीसदी होंगे ? हैरतअंगेज चाहे जितना लगे लेकिन आंकड़ा कहता है लगभग ना के बराबर यानि शून्य। डी अजित, हान डोनकर और रवि सक्सेना द्वारा किए एक अध्ययन का खुलासा है कि एक ऐसे वक्त में जब जातीय और नस्ली गैरबराबरी के मुद्दे पूरी...

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निजी कंपनियों के हवाले मौसम!

भारत की आधी से ज्यादा आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है और कृषि मॉनसून पर. देश की कुल कृषि भूमि का 55 प्रतिशत वर्षा जल पर निर्भर है. लेकिन अभी तक मॉनसून के पूर्वानुमान के शास्त्र को पूरी तरह साध पाने में सफलता नहीं मिली है. पिछले साल सरकार ने संसद में स्वीकार किया कि पिछले चार साल से भारतीय मौसम विभाग के मॉनसून के पूर्वानुमान के आंकड़े वास्तविकता...

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सुधारों की दिशा और आम आदमी( पू्र्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के जन्मदिवस पर प्रभात खबर की विशेष प्र?

भारत में आर्थिक सुधारों को लागू किये जाने के 22 वर्ष बाद भी इस पर मंथन का दौर जारी है. पिछले दो दशकों के अनुभव हमें बता रहे हैं कि आर्थिक उदारीकरण के पैरोकारों ने जिस स्वर्णिम भविष्य का हमसे वादा किया था, वह सच्चाई से दूर, छल से भरा हुआ और भ्रामक था. इन वर्षों में आर्थिक उदारीकरण विकास के चमचमाते आंकड़ों पर सवार होकर हम तक जरूर आया,...

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संसद-विस के बनाये नियमों में भी संशोधन संभव

पंचायती राजकाज के इस स्तंभ में हमलोग जनजातीय सलाहकार परिषद पर भी बात करते हैं. जनजातीय सलाहकार परिषद अनुसूचित क्षेत्रों व अनुसूचित जनजाति बहुल राज्यों में गठित एक महत्वपूर्ण संवैधानिक इकाई है, जिसकी सिफारिशों का उस राज्य के नीति-निर्णय पर दूरगामी असर पड़ता है. आइए जानें जनजातीय सलाहकार परिषद के संदर्भ में महत्वपूर्ण बातें : जनजातीय सलाहकार परिषद की स्थापना ऐसे प्रत्येक राज्य में, जिसमें अनुसूचित क्षेत्र हैं वहां एक जनजातीय सलाहकार...

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झूठी, एकतरफा और मनगढ़ंत!-प्रेस काउंसिल बिहार रिपोर्ट ( क्षमा के साथ)

प्रेस काउंसिल बिहार रिपोर्ट क्षमा के साथ भारतीय प्रेस परिषद (प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया) की किसी रिपोर्ट के लिए पहली बार यह विशेषण हमने इस्तेमाल किया कि प्रेस परिषद की बिहार रिपोर्ट झूठी है, एकतरफा है, मनगढ़ंत है या पूर्वग्रह से ग्रसित है. या किसी खास अज्ञात उद्देश्य से बिहार की पत्रकारिता और बिहार को बदनाम करने के लिए यह रिपोर्ट तैयार की गयी है. हम ऐसा निष्कर्ष तथ्यों के आधार पर निकाल...

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