-द प्रिंट, मुफ्त की एक कीमत होती है जो समय पर ना चुकाई जाए तो उसका ब्याज सांसें चुकाती हैं. इसी तरह प्रकृति शोषण आधारित इमारतों का एक सीटूसी यानी कास्ट टू कंट्री होता जो पीढ़ियों को चुकाना होता है. बानगी देखिए हलांकि नारों में डूबा समाज इस उदाहरण को एक व्हाट्स्एप जोक से ज्यादा अहमियत नहीं देता– सुप्रीम कोर्ट की एक आकलन कमेटी ने एक पेड़ की सालाना कीमत 74,500...
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कोविशिल्ड की कीमतों का रहस्य
-न्यूजक्लिक, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और अंत में, निजी अस्पतालों से कोविशिल्ड के लिए क्या दाम लिये जाएंगे, इसको लेकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) की तरफ से एक घोषणा की गई है। इससे बेचैन कर देने वाले कई प्रश्न उत्पन्न हो गये हैं। एसआइआइ द्वारा जारी स्पष्टीकरण के मुताबिक, वह केंद्र सरकार से वैक्सीन की प्रति खुराक 150 रुपये चार्ज कर रही थी। 1 मई से जब इसके दामों के निर्धारण...
More »Covid के गहराते संकट के बीच ऊंची महंगाई दर क्यों भारत की अगली बड़ी चिंता हो सकती है
-द प्रिंट, दुनियाभर की सरकारों ने महामारी से निपटने के लिए अपने वित्तीय ख़र्च को बढ़ाया है. साथ ही साथ केंद्रीय बैंकों ने, नक़दी में भी इज़ाफा किया है. अमेरिका में ये डर ज़ाहिर किया जा रहा है कि विस्तारक वित्तीय तथा मौद्रिक नीतियों से, ओवरहीटिंग की स्थिति पैदा हो सकती है. इसकी वजह से अमेरिका में महंगाई दर तेज़ी से बढ़ सकती है, क्योंकि वैक्सीन्स की सहायता से अर्थव्यवस्था के...
More »तन मन जन: कोरोना की दूसरी लहर का कहर और आगे का रास्ता
-जनपथ, सबक सीखने के लिए एक वर्ष का समय कम नहीं होता। हम दिल से चाहते तो बीते 14 महीनों में कोरोनावायरस संक्रमण क्या अन्य महामारियों से भी बचाव का एक बेहतरीन मॉडल खड़ा कर अपने देशवासियों की जान बचा सकते थे। यदि नीयत साफ होती और हम जनकल्याण की दृष्टि से कुछ बेहतर करने की तमन्ना रखते तो चीन, न्यूजीलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर आदि देशों की तरह बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था खड़ी...
More »कोविड, लाचारी की मौत और बुलडोज़र
-न्यूजलॉन्ड्री, 18 अप्रैल की शाम के तकरीबन साढ़े पांच बज रहे थे, हैदराबाद के पास जगनगुडा गांव में 26 साल के प्रदीप मधासु बेबस अपनी मां की लाश को एक जेसीबी मशीन के मिट्ठी ढोने वाले हिस्से में रखे जाता देख रहे थे और बेतहाशा रो रहे थे. वह रोते हुए लाचारी से बस अम्मा-अम्मा पुकार रहे थे. अपने किसी प्रियजन के पार्थिव शरीर को इस तरह से ले जाने का...
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