नई दिल्ली । ‘ऑनर किलिंग’ की कुप्रथा का चलन केवल हरियाणा और पश्चिम उत्तरप्रदेश में ही नहीं, बल्कि दुनिया के दर्जन भर से अधिक देशों में है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रिपोर्ट के मुताबिक हर वर्ष ऑनर किलिंग के तहत 5,000 से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के उन देशों को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है जहां यह कुप्रथा चल रही है। ‘वायलेंस...
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खाप की हिमायत में चौटाला और जिंदल
नई दिल्ली। हरियाणा में खाप पंचायतों को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल के बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला भी खाप पंचायतों के समर्थन में उतर आए हैं। चौटाला ने खाप पंचायतों का समर्थन करते हुए केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम से मिलकर हिन्दू मैरिज एक्ट में संशोधन की बात कही है। इससे पहले कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल ने कथित रूप से खाप पंचायतों...
More »यह शर्मनाक सौदा लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक है!- पी साईनाथ
हाल ही में संपन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पार्टियों और उम्मीदवारों के द्वारा अपने प्रचार के लिए मीडिया में धन का जम कर इस्तेमाल हुआ। अपने किसी भी चुनावी कवरेज के लिए एक उम्मीदवार को धन के इस संगठित खेल का हिस्सा होना पड़ा या कहें तो जबरन मजबूरी में इसका हिस्सा होना पड़ा। क्योंकि ऐसी धन संस्कृति का मीडिया में इस्तेमाल होने लगा है कि पैसा नहीं तो कवरेज भी नहीं। मीडियाई दुनिया...
More »जनता को गुमराह करना शर्मनाक है : साईनाथ
आप सोचते होंगे कि अख़बारों में सिर्फ़ एक पेज 3 होता है? लेकिन महाराष्ट्र के अख़बार ऐसा नहीं मानते। हाल के चुनाव में उनके पास कई पेज 3 थे, जिन्हें वो लगातार कई दिनों तक छापते रहे। उन्होंने सप्लिमेंट के भीतर सप्लिमेंट छापे। इस तरह मुख्य अख़बार में भी आपको पेज 3 पढ़ने को मिले। फिर उन्होंने मेन सप्लिमेंट में अलग से पेज थ्री छापा। उसके बाद एक और सप्लिमेंट जिसके ऊपर रोमन में पेज...
More »किसानों की आत्महत्याः एक 12 साल लंबी दारूण कथा
कुछ लोगों के लिए किसानी मुनाफे का धंधा हो सकती है, लेकिन देश की बहुसंख्यक आबादी के लिए यह घाटे का सौदा बना दी गई है. न सिर्फ घाटे का सौदा, बल्कि मौत का सौदा भी. और यह सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि खेती से महज कुछ लोगों का मुनाफा सुनिश्चित रहे. यही वजह है कि खेतिहरों के कर्जे की माफी का फायदा भी आम खेतिहरों को नहीं मिला बल्कि बड़े किसानों को...
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