1954-55 में जब भारत सरकार ने साहित्य अकादेमी की स्थापना की थी तब देश में कांग्रेस का शासन था। उसके संस्थापक-पितरों में जवाहरलाल नेहरू, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, मौलाना अबुल कलाम आजाद और डॉ. जाकिर हुसैन जैसे राजनीतिक-सांस्कृतिक युगनिर्माता थे। बाद में कभी इंदिरा गांधी भी अकादेमी की सदस्य रहीं, जब वे केंद्रीय सूचना तथा प्रसारण मंत्री थीं। अकादेमी के संस्थापक-सचिव कृष्ण कृपालाणी थे, जो रबींद्रनाथ ठाकुर की एकमात्र संतान नंदिता के...
More »SEARCH RESULT
वकालत के अपराधीकरण पर लगाम-- विराग गुप्ता
न्यायिक व्यवस्था के पतन एवं सड़ांध पर कड़ी टिप्पणी करते हुए सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे ने माननीय न्यायाधीशों से बुर्का पहनकर बाहर घूमने का आग्रह किया, जिससे उन्हें बेंच (अदालतों) की नाकामी की हकीक़त पता चल सके, लेकिन इस सड़ांध की जिम्मेदारी सिर्फ जजों पर ही क्यों? कुछ दिन पूर्व दिल्ली के तत्कालीन कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को लॉ की फर्जी डिग्री के आरोप में...
More »बड़े उद्योगों को 50 पैसे प्रति यूनिट सस्ती बिजली देने की तैयारी
हरीश दिवेकर, भोपाल। बिजली की उपलब्धता अधिक होने के कारण प्रदेश के बड़े उद्योगों को 50 पैसे प्रति यूनिट सस्ती दर पर बिजली देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए उद्योगों को बिजली खपत कम से कम 5 फीसदी बढ़ाना अनिवार्य होगा। पावर मैनेजमेंट कंपनी (पीएमसी) ने इस संबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा है। दरअसल कंपनी ने अगले कई सालों के लिए बिजली खरीदी का अनुबंध...
More »दिल्ली के विधायक आम आदमी से 10 गुना वेतन पाएंगे!
दिल्ली सरकार ने यदि विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें मानीं तो राजधानी के विधायकों का वेतन आम आदमी के मुकाबले दस गुना हो जाएगा। समिति ने मंगलवार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में विधायकोंका मासिक वेतन वर्तमान में 88 हजार से बढ़ाकर 2.10 लाख रुपये करने की सिफारिश की है। 2014-15 के दौरान दिल्ली में प्रति व्यक्ति सालाना आय 2.41 लाख रुपये थी। इस हिसाब से यहां आम आदमी का औसत मासिक वेतन...
More »एक योजना का निराधार हो जाना-- हरजिंदर
यूनीक आइडेंटिटी नंबर यानी आधार की राह कभी आसान नहीं थी। खासतौर पर आम लोगों ने इसके लिए काफी पापड़ बेले हैं। पांच साल पहले, जब कार्ड बनाने की शुरुआत हुई थी, तो इसका फॉर्म लेने के लिए ही लंबी लाइनें लगती थीं। फिर उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों का स्कैन दर्ज कराने के लिए हफ्तों बाद का समय मिलता था। इतने इंतजार के बाद नियत समय पर पहुंचने...
More »