भोपाल। मध्यप्रदेश के किसानों के लिए यह अच्छी खबर है। अब उद्योगपति पांच लाख रुपए एकड़ से कम में किसानों से जमीन नहीं खरीद सकेंगे। सरकार इसके लिए नियम बनाने जा रही है। मुख्य सचिव अवनि वैश्य की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक मे उक्त निर्णय लिया गया। बैठक में लिए गए निर्णय का प्रस्ताव अनुमोदन के लिए कैबिनेट की अगली बैठक में भेजा जाएगा। जानकारी...
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बंजर खेत भी उगलेंगे सोना
हल्द्वानी(नैनीताल)। वनाच्छादित उत्तराखंड की 4.50 लाख हेक्टेयर बंजर भूमि भी अब सोना उगलेगी। मनरेगा से डबटेल कर कृषि विभाग ने एक ऐसी योजना बनायी है, जिससे किसान अपनी बंजर भूमि पर खेती कर अतिरिक्त पारिश्रमिक भी अर्जित कर सकेंगे। बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने का तरीका किसानों को कृषि विभाग समझाएगा। कम से कम पचास नाली बंजर का सुधार करने पर किसानों को उससे उपजी फसल तो प्राप्त होगी ही,...
More »रोज बचा सकते हैं पांच अरब लीटर पानी
बागपत। हम चाहें तो रोज पांच अरब लीटर पानी की बचत कर बागपत की हरित धरती को रेगिस्तान में तब्दील होने से बचा सकते हैं, मगर खेतों की सिंचाई को स्प्रिंकलर सिस्टम अपनाना पड़ेगा। ऐसा हो तो फसलों की उत्पादकता भी बढ़ जाएगी। बस! जरुरत है इच्छा शक्ति और लोगों को जागरूक करने की। बागपत कृषि प्रधान जिला है जहां 1.10 लाख हेक्टेयर भूमि पर खेती की जाती है। सबसे ज्यादा भूजल का अति...
More »डूबेंगे स्कूल, तैरेगी बच्चों की पढ़ाई
मुजफ्फरपुर [जाटी]। मानसून करीब आते ही उत्तर बिहार में बाढ़ की आहट सुनाई देने लगी है। लेकिन इससे निपटने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था अब भी अधूरी है। इस बार भी बड़ी संख्या में न सिर्फ स्कूल बंद होंगे बल्कि बच्चों की पढ़ाई भी ठप होगी। मुजफ्फरपुर और दरभंगा को छोड़कर कहीं भी वैकल्पिक स्कूल खोलने की कवायद नहीं हो रही है। मधुबनी में तो प्रशासनिक कारनामा और भी चौंकाने वाला है। यहां बाढ़ के दौरान चूंकि...
More »कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां
नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...
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