भोजन का अधिकार जीने के अधिकार से जुड़ा हुआ है और संविधान का अनुच्छेद 21 सभी नागरिकों को जीने का अधिकार प्रदान करता है। इस लिहाज से प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक स्वागतयोग्य है। पिछले दो दशकों में भारत में भूख एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। 1991 में जब आर्थिक सुधार कार्यक्रम शुरू किए गए थे, तब प्रति व्यक्ति भोजन की खपत 178 किलोग्राम थी, जो 2003 में...
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बीज में छिपी है खाद्य संप्रभुता- वंदना शिवा
यदि किसानों के पास अपना बीज न हो या मुक्त परागण किस्मों तक उनकी पहुंच न हों, जिसे वे सुरक्षित रख सकें या जिसका वे विनिमय कर सकें, तो उनके पास बीज संप्रभुता नहीं होगी। नतीजतन उनके पास खाद्य संप्रभुता भी नहीं होगी। गहराते कृषि एवं खाद्य संकट की जड़ें बीज आपूर्ति प्रणाली में हो रहे बदलाव और बीज विविधता व बीज संप्रभुता के क्षरण में निहित है। क्योंकि खाद्य...
More »विवाद के बीज, बरबादी की फसल- सुमन सहाय
हम जीएम तकनीक को जोरशोर से अपनाने की पहल कर रहे हैं और सरकार भी उस पर अमादा है। मगर हमारा पूरा तंत्र जिस तरह का है, उसमें क्या इस संवेदनशील काम को सार्वजनिक क्षेत्र के वैज्ञानिकों के भरोसे छोड़ा जा सकता है? जीएम तकनीक भी आणविक ऊर्जा की तरह है, इसलिए इस सवाल पर सावधानी से विचार करने की जरूरत है। हाल ही में बीकानेरी नरमा या बीटी कपास से संबंधित...
More »प्याज की खेती के लिए नये हल की की ईजाद
शेखपुरा : प्याज की खेती के लिए मजदूरों की कमी से जूझ रहे किसानों को जल्द ही राहत मिल जायेगी. एकसारी गांव निवासी शशिभूषण ने एक ऐसे हल की ईजाद की है, जो प्याज की खेती के लिए क्यारी बनाने में किसानों को राहत पहुंचा रहा है. लंबी अवधि और ज्यादा मजदूरी भुगतान कर क्यारी बनवाने को विवश किसान इस नये हल का लाभ उठा कर सस्ते दर पर कम...
More »प्याज की खेती के लिए नये हल की ईजाद
शेखपुरा : प्याज की खेती के लिए मजदूरों की कमी से जूझ रहे किसानों को जल्द ही राहत मिल जायेगी. एकसारी गांव निवासी शशिभूषण ने एक ऐसे हल की ईजाद की है, जो प्याज की खेती के लिए क्यारी बनाने में किसानों को राहत पहुंचा रहा है. लंबी अवधि और ज्यादा मजदूरी भुगतान कर क्यारी बनवाने को विवश किसान इस नये हल का लाभ उठा कर सस्ते दर पर कम...
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