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बिहार के एक गांव की सभी महिलाएं निरक्षर

जमुई [जागरण संवाददाता]। बिहार में जमुई जिले के गांव सिरसिया की सभी महिलाएं न केवल निरक्षर हैं बल्कि सामाजिक, राजनीतिक, प्रशासनिक और सांस्कृतिक गतिविधियों से भी अनभिज्ञ हैं। गांव के 90 फीसदी पुरुष भी निरक्षर हैं। गांव में केवल 12 पुरुष ही साक्षर हैं, वे भी मैट्रिक पास नहीं है। सिरसिया गांव की यह दशा सूबे में साक्षरता अभियान की उपलब्धियों पर प्रश्न चिह्न लगाने के लिए काफी है। जिला मुख्यालय से 30 किमी की...

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इस गांव के घरों में नहीं लगते दरवाजे

इलाहाबाद। आज के समय में जहां बढ़ती चोरी और लूट की घटनाओं से सबक लेकर लोग अपने घरों में सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के पुख्ता इंतजाम करते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश में एक ऐसा गांव है, जहां स्थानीय लोग अपने घरों में दरवाजे तक नहीं लगाते। उनकी मान्यता है कि मां काली उनके घरों की रक्षा करती हैं। इलाहाबाद जिले के कोरांव क्षेत्र स्थित दलित बहुल सिंगीपुर गांव के मकानों में यह समानता देखने...

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जंगल तभी छोड़ेंगे, जब मिलेगी जमीन

भोपाल. सरकार जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं करती है, हम एक इंच भी जमीन खाली नहीं करने वाले हैं। हम यहां जंगली जानवरों के बीच रह लेंगे लेकिन अपना घर नहीं छोड़ेंगे। यह कहना है कि बांधवगढ़ नेशनल पार्क के भीतर बसे गांववालों का। केंद्र सरकार के आदेशानुसार, पार्क प्रशासन वहां बसे गांववालों को विस्थापित कर रहा है। शुरुआती चरण के दो गांवों को खाली करवाने के लिए फंड भी...

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डूबेंगे स्कूल, तैरेगी बच्चों की पढ़ाई

मुजफ्फरपुर [जाटी]। मानसून करीब आते ही उत्तर बिहार में बाढ़ की आहट सुनाई देने लगी है। लेकिन इससे निपटने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था अब भी अधूरी है। इस बार भी बड़ी संख्या में न सिर्फ स्कूल बंद होंगे बल्कि बच्चों की पढ़ाई भी ठप होगी। मुजफ्फरपुर और दरभंगा को छोड़कर कहीं भी वैकल्पिक स्कूल खोलने की कवायद नहीं हो रही है। मधुबनी में तो प्रशासनिक कारनामा और भी चौंकाने वाला है। यहां बाढ़ के दौरान चूंकि...

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रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज

नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...

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