यह ऐतिहासिक अधिनियम किसानों को दिलाएगा उनकी जमीन का वाजिब मुआवजा इस अधिनियम को जितनी जल्दी अधिसूचित किया जाएगा, उतनी ही जल्दी भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुआवजे को लेकर जारी अनिश्चितता खत्म होगी। - जयराम रमेश, ग्रामीण विकास मंत्री राज्यों की राय नामंजूर राज्य सरकारों की राय यह थी कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम को 1 अप्रैल, 2014 से अधिसूचित किया जाए इस एक्ट के...
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गांव की सेहत का पहिया है सहिया दीदी
झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अब भी काफी खराब है. गांव में समय पर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलने के कारण ही यहां गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों की असमय मौत हो जाती है. भारत सरकार ने इस समस्या को समझते हुए हर गांव में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता तैनात किया है. देश के दूसरे राज्यों में इन्हें आशा कहा जाता है, जबकि झारखंड में इन्हें सहिया...
More »सेज की जमीन का दुरुपयोग रोकने को नियमों में संशोधन
नई व्यवस्था - सेज सरेंडर करने के इच्छुक डेवलपर को यह लिखित में देना होगा कि इसकी जमीन का उपयोग संशोधित गाइडलाइंस के अनुरूप ही किया जाएगा सरेंडर - इस साल 31 जुलाई तक विभिन्न कारणों से कुल मिलाकर 58 सेज सरेंडर किए जा चुके हैं वाणिज्य मंत्रालय ने किए है ये संशोधन विशेष आर्थिक जोन (सेज) की स्थापना के लिए अधिग्रहीत की जाने...
More »महज लिंक वर्कर नहीं सोशल एक्टिविस्ट भी हैं सहिया
झारखंड में गांव-गांव में सेहत की अलख जगाने वाली सहिया दीदी का स्वरूप महज लिंक वर्कर जैसा नहीं है. झारखंड में सेहत के मसले पर काम करने वाली संस्थाओं ने इसे सेहत के मसले पर गांव में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता का स्वरूप दिया है. इसका काम सिर्फ गांव के लोगों को सेहत से संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि सेहत से संबंधी समस्याओं के लिए गांव के लोगों को...
More »एक कदम आगे या एक कदम पीछे- संजय कुमार
राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति ; प्रारूप, ग्रामीण विकास मंत्रलय भारत सरकार के द्वारा सार्वजनिक बहस के लिए रखी गयी है. इस प्रारूप के शुरू में सरकार ने इस समस्या की गहराई को आंकड़ों के जरिये ही स्पष्ट रूप से यह सामने रखा है कि भारत जैसे देश में भूमि सुधीर का सवाल कितना अहम है. राष्ट्रीय प्रतिदर्श संगठन (एनएसएसओ के आंकड़ों 2003-04) के अनुसार करीब 41.63} परिवारों के पास घर के अलावा और...
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