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न्यूयॉर्क टाइम्स: भारत में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या एक करोड़ होने की आशंका

-मीडियाविजिल,  न्यूयॉर्क टाइम्स (nytimes.com) में 27 मार्च को अपलोड किए गए एक आलेख में कहा गया है कि अनियंत्रित हाईपरटेंशन और डायबिटीज के शिकार लोगों के लिए कोविड-19 खतरनाक है. भारत में कोविड-19 को बुजुर्गों के लिए तो खतरा बताया गया है पर डायबिटीज और हाइपरटेंशन वालों के लिए भी खतरा है, यह नई बात है. वैसे ऐसी बीमारी के शिकार लोग जानते हैं कि उनके लिए कुछ भी खतरनाक है...

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राहत पैकेज के हकदार किसान भी

-आउटलुक, “किसानों को राहत पैकेज की दरकार है। मध्य वर्ग के लिए ईएमआइ में छूट दी जा सकती है तो किसान तो उससे ज्यादा के हकदार हैं” देश और दुनिया कोरोनावायरस के संक्रमण से फैलने वाली कोविड-19 महामारी का सामना कर रही है। यह महामारी ऐसे समय फैली है जब देश का किसान खेतों में तैयार रबी की फसल की कटाई के लिए इंतजार कर रहा है। अनुमान है कि इस साल...

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कोरोना वायरस: उत्तराखंड के भुतहा गांवों में भी लौटे प्रवासी

-न्यूजलॉन्ड्री, पिछले कई सालों से खाली पड़े उत्तराखंड के कई गांवों में अब लोग लौटने लगे हैं. अब तक इन भुतहा हो चुके गांवों में 564 लोगों के वापस लौट आने की ख़बर है. ये वे लोग हैं, जिन्हें राज्य सरकार ने विभिन्न साधनों से उनके गांवों तक पहुंचाया है. अन्य साधनों से अपने इन भुतहा गांवों में पहुंच चुके लोगों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है. उत्तराखंड ग्रामीण विकास...

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गेहूं की आपूर्ति कम होने से शहरों में आटे की किल्लत

-आउटलुक, देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति दुरुस्त करने को लेकर सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में अनाज मंडियां बंद होने के कारण शहरों में आटे की किल्लत हो गई है, लेकिन गांवों में ऐसी समस्या नहीं है। कारोबारियों ने बताया कि गांवों में किसानों के पास खुद का गेहूं है और पीडीएस के तहत लोगों को मिलने वाला अनाज भी...

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कोविड-19 महामारी को फैलाने में धार्मिक आयोजनों और यात्राओं की खतरनाक़ भूमिका

-मीडियाविजिल, कोविड-19 बीमारी को विश्व भर में फैलाकर महामारी बनाने में धार्मिक आयोजनों और धार्मिक यात्राओं की ख़तरनाक भूमिका दिखाई देती है। इसकी एक वजह ये है कि दूसरे आयोजन और समारोह में वर्गीय चरित्र ज्यों का त्यों (वर्गभेद) बने रहने के चलते वर्गीय दूरी बनी रहती है। जबकि धार्मिक आयोजनों में वर्ग भेद टूट जाता है। धार्मिक आयोजनों और धार्मिक यात्राओं में हर तरह के सामाजिक आर्थिक वर्ग के लोग...

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