रायगढ़ (निप्र)। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा इन दिनों जोर-शोर से उठाया जा रहा है। इस अभियान तहत प्रदेश के सिर्फ रायगढ़ जिले को जोड़ा ही गया है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तहत तमाम तरह की कवायद की जा रही है। बावजूद इसके आज भी ग्रामीण अंचलों के स्कूलों में बेटियों की संख्या बेहद कम है। बेटियों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने बालिका इन्सेंटिव योजना की भी...
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अनिश्चितता का माहौल, टूट रही है मनरेगा से रोजगार की आस
रायपुर(ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को लेकर अनिश्चितता का माहौल इस कदर है कि राज्य में रोजगार की मांग करने वाले लाखों लोगों को काम नहीं मिल रहा है। कारण यह है कि जिलों में सरपंचों से लेकर अफसरों तक को आशंका है कि काम करवाने के बाद भुगतान कब होगा? हालत यह है कि छत्तीसगढ़ में रोजगार की मांग करने वाले परिवारों की संख्या...
More »हवाओं के रुख को बताता मोदी का भाषण - के. बेनेडिक्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस बार का स्वतंत्रता दिवस का भाषण यूं तो हमेशा की तरह उनकी वक्तृत्व शैली और श्रोताओं से जुड़ने की उनकी क्षमता की ही एक और बानगी था, लेकिन इस बार का भाषण उनके कई समर्थकों को शायद इसलिए निराशाजनक लगा हो, क्योंकि उसमें पर्याप्त सामग्री नहीं थी। कइयों को उसमें महत्वपूर्ण बातों के बजाय दोहराव और पीआर संबंधी कवायद अधिक लगी। अलबत्ता उन्होंने इस अवसर...
More »दलित परिवार की बेटी ने साहस को बनाया हथियार
र (मध्यप्रदेश)। लगातार कई बार प्रशासन को ट्यूब के सहारे खइड़िया नदी को ग्राम देदला के बच्चों और अन्य लोगों द्वारा पार करने के जोखिम के बारे में अवगत कराया गया। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। परिणाम यह हुआ कि शुक्रवार को महेंद्र (15) को ट्यूब से नदी पार करना महंगा पड़ गया और वह काल के गाल में समा गया। ऐसे में पुल की मांग को लेकर कई दिन...
More »जशपुर क्षेत्र में नदी पार कर स्कूल जाने की मजबूरी
जशपुरनगर (निप्र) । आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले में शिक्षा के लिए बुनियादी सुविधा जुटाने के सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे है। प्रशासन के लाख दावे के बाद भी आज भी कई हो आदिवासी बाहुल्य गांवों में लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। आज भी कई गांवों में पुल न होने को कारण यहां के बच्चों को नदी पार कर स्कूल जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति नगर पंचायत...
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