-द वायर, कोरोना वायरस महामारी की वजह से देशभर में लॉकडाउन (बंद) के बाद से गंगा नदी की स्वच्छता में बड़ा सुधार देखा गया है क्योंकि इसमें औद्योगिक इकाइयों का कचरा गिरने में कमी आई है. विशेषज्ञों ने यह बात कही है. भारत में कोरोना वायरस के कारण तीन हफ्तों का बंद है. लॉकडाउन की वजह से 24 मार्च से ही देश की आबादी घरों में ही सिमटी हुई है. केंद्रीय प्रदूषण...
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इस गांव में कैंसर से दो साल में 50 मौतें, क्या है वजह?
-डाउन टू अर्थ, बिहार में कोसी नदी के किनारे बसे इस गांव को पिछले दो साल से कैंसर ने अपनी चपेट में ले रखा है। 50 से अधिक लोगों की इस अवधि में मौत हो चुकी है। पिछले दिनों पटना के आइजीआइएमएस अस्पताल की टीम को वहां एक ही दिन में 35 कैंसर के रोगी मिल गए। इनमें मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर से लेकर दिमागी कैंसर, फेफड़े...
More »राजस्थान के खेतों को ज़िंदा निगल चुके टिड्डी प्लेग को राष्ट्रीय आपदा कब कहेगी सरकार?
-मीडियाविजिल, ओमप्रकाश इन दिनों अपने खेत में ही बैठे रहते हैं. जिस छह बीघे के खेत की मेढ़ पर वह बैठे हैं उसमें 50 हजार रुपये का कर्ज लेकर सरसों की बिजाई की थी. महंगे खाद-बीज और खेत की लगातार देखभाल के कारण सरसों को हरा और पीला रंग चढ़ा था लेकिन 21 जनवरी की रात को हुए टिड्डियों के हमले के बाद सरसों के पास सिर्फ रंगत बच गई, दाना...
More »खरपतवार के साथ प्राकृतिक खेती -बाबा मायाराम
मध्यप्रदेश के होशंगाबाद शहर से कुछ ही दूरी पर है टाइटस फार्म। होशंगाबाद भोपाल सड़क मार्ग पर नर्मदा नदी के तट पर स्थित इस इलाके में प्राकृतिक खेती होती है जोकि जमीन की जुताई किए बगैर की जाती है। इस इलाके में फसल के अवशेषों को जलाने के बजाय उससे भूमि ढकाव करते हैं, जिससे खेत में नमी रहती है और जल संचय होता है। उसमें पनपने वाले केंचुए और...
More »नदीसूत्रः तमिलनाडु के लोकजीवन और लोकाचार में नदियां
- इंडिया टूडे हिंदी, अगर कोई कहे कि दुनिया भर की अधिकतर सभ्यताएं नदियों के किनारे फूली-फलीं और विकसित हुईं तो यह कोई नई बात नहीं होगी. हम सबने यह छठी कक्षा से पढ़ना शुरू कर दिया था. यह और बात है कि अपने आसपास मरती नदियों को देखकर और मुंह फेरकर चल देना हमारी आदतों में शुमार हो चुका है. पर, नदियां न सिर्फ मानव सभ्यताओं के बढ़ने और उनकी जिजीविषा...
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