फाइलेरिया अभियान के बिहार दौरे पर वैशाली जिले में मेरी मुलाकात एक ऐसे परिवार से हुई, जिन्हें अभियान के दौरान दवाइयां दी गयी थी, परंतु उन लोगों ने दवाएं खायी नहीं थी. हमारी चर्चा के बीच यह मालूम पड़ा कि उसी घर की कॉलेज जानेवाली एक छात्रा खुद फाइलेरिया से पीड़ित थी और वह परिवार अपनी बच्ची के इलाज पर लगभग 1200 रुपये हर सप्ताह खर्च कर वैकल्पिक दवाएं ले...
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अंधेरी बंद कोठरियों में-- सुभाषिनी सहगल अली
मैं इस लेख की शुरुआत इस बात से करने वाली थी कि साठ बड़े भारतीय अर्थशास्त्रियों ने अरुण जेटली को खुला पत्र लिखकर देश की महिलाओं के स्वास्थ्य और खुशहाली पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने मांग की है कि आने वाले बजट में वह भी इन चिंताओं पर ध्यान दें। ये सब बड़े अर्थशास्त्री हैं और एमआईटी, हार्वर्ड, न्यूयॉर्क विश्वविद्यालयों से लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय और अन्य विश्वविद्यालयों में...
More »न राजनीति सुधरेगी, न पुलिस --- विभूति नारायण राय
भारतीय पुलिस सेवा में तीन दशकों से अधिक के अपने सफर के दौरान मुझे जिस बात से सबसे अधिक आश्चर्य होता था, वह थी भारतीय जनता के मन मे पुलिस सुधारों को लेकर पसरी हुई उदासीनता। यह देखकर मन उदास हो जाता था कि जिस संस्था से औसत भारतीय नागरिक का सबसे अधिक वास्ता पड़ता है, उसे बेहतर बनाने के लिए किसी तरह का कोई आंदोलन नहीं होता। अधिक से...
More »युवा मन को समझने की चुनौती-- आशुतोष चतुर्वेदी
पिछले दिनों सीबीआइ ने हरियाणा के गुरुग्राम में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र की हत्या के आरोप में स्कूल के ही 11वीं के एक छात्र की गिरफ्तारी कर पूरे देश को चौंका दिया. कुछ दिनों पहले दूसरी कक्षा के छात्र की स्कूल में हुई हत्या ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था. इसके लेकर धरने प्रदर्शन हुए, कैंडल मार्च हुए और हरियाणा पुलिस ने आनन-फानन...
More »बेरोजगारी का दंश, जाति के तर्क--- ए. श्रीनिवासन
बीते शनिवार को मशहूर दलित लेखक और एक्टिविस्ट कांचा इलैया को हैदराबाद के उनके घर में नजरबंद कर दिया गया। आंध्र और तेलंगाना पुलिस ने सुरक्षात्मक वजहों से यह नजरबंदी की, ताकि इलैया को अभिव्यक्ति की आजादी विषय पर विजयवाड़ा में भाषण देने जाने से रोका जा सके। अपने लेखन से धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए कांचा इलैया को जान से मारने की कई धमकियां मिल चुकी हैं। इलैया...
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