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कभी थे सरकार, अब मांग रहे अधिकार

सासाराम [ब्रजेश पाठक]। रोहतास पर राज करने वाले खरवार-चेरो राजाओं का इतिहास, उनकी सभ्यता व संस्कृति काफी समृद्ध रही है। नायक प्रताप धवल, बिक्रम धवल से लेकर उदयचंद ने यहां राज किया। आज उन्हीं के वंशज दाने-दाने को मोहताज होकर अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। अशिक्षा, लाचारी, भूख व बेबसी से त्रस्त अधिकांश आदिवासी एकजुट होने की रणनीति बना रहे हैं। शाहाबाद गजेटियर में रोहतास क्षेत्र के आदिम जनजातियों...

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सूत के दाम बढ़ने से होजियरी उद्योग पर संकट : अग्रवाल

कोलकाता। सूत के दाम बढ़ने से होजियरी उद्योग पर संकट के बादल छाये हुए हैं जिससे एक लाख से अधिक श्रमिकों की रोजी-रोजी पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। फेडरेशन आफ होजियरी मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष केबी अग्रवाल ने यह बात गुरूवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि सूत के दाम बढ़ने की वजह से होजियरी इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हो रही है। सरकार से आग्रह किया गया है कि वह...

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मनरेगा में करोड़ों का फर्जीवाड़ा

भोपाल। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (नरेगा ) जो अब महात्मा गाधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के नाम से जानी जाती है। इस योजना का उद्देश्य था कि क्षेत्र के मजदूरों को अपने ही गाव में काम मिले और वे पलायन नहीं कर सकें, लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से काम मशीनों द्वारा करा लिए जाते है, जिससे मजदूरों को काम नहीं मिल पाता। इस कारण गरीब परिवार काम के सिलसिले में...

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मौत के आगोश में रोटी की तलाश

बठिंडा [मनीष शर्मा]। वे हर रोज मौत के आगोश में माया की तलाश करते हैं। शहर के पश्चिमी क्षेत्र के 25 परिवार करीब दस मीटर से अधिक गहरी सरहिंद नहर में गहरा गोता लगाकर रोजी-रोटी का बंदोबस्त करते हैं। उनके हाथ धार्मिक कर्मकांड के तहत लोगों द्वारा नहर में फेंके गए सोने-चांदी के आभूषणों, सिक्कों व अन्य सामान की तलाश करते हैं। पानी में पांच से दस मिनट रहने के बाद कई दफा उनकी...

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इस साल सामान्य रहेगा मानसून

नई दिल्ली। देश में इस साल मानसून सामान्य रहने का अनुमान है। मौसम विभाग की इस घोषणा से लाखों किसानों ने राहत की सांस ली है जिन्हें पिछले साल सूखे की गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ा था। भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि जून से सितंबर के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून दीर्घकालिक औसत का 98 फीसदी रहने का अनुमान है। दक्षिण-पश्चिम मानसून का दीर्घकालिक औसत 89 सेंटीमीटर माना जाता है। भारतीय अर्थव्यवस्था को...

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