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बिजली गिरने से होने वाली मौतों से बचने के लिए अधिक मौसम सुरक्षा जागरूकता और बिजली चेतावनी उपकरणों की आवश्यकता है!

मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम की शुरुआत में, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों में एक ही दिन यानी 11 जुलाई, 2021 को बिजली गिरने से 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई. उन अलग-अलग घटनाओं से पहले इस साल 13 मई को असम के नगांव जिले में स्थित कंडाली प्रस्तावित रिजर्व फॉरेस्ट में बिजली गिरने से, अठारह हाथी एक पहाड़ी की...

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कोविड-19 महामारी में पढ़ाई पर न पड़े असर, सरकारी स्कूल के अध्यापक ने अपनी कार को बनाया 'शिक्षा रथ'

-गांव कनेक्शन, कोविड-19 के चलते स्कूल तो बंद हो गए, लेकिन इससे बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर पड़ेगा? संजय चौहाण से अगर यही सवाल पूछें तो उनका जवाब होगा नहीं, तभी तो वो हर दिन अपनी सफेद मारुति सुजुकी एर्टिगा कार लेकर अपनी मंजिल पर बच्चों को पढ़ाने पहुंच जाते हैं। संजय चौहाण धनपुर तहसील के पिपोदरा गाँव में रहते हैं, और हर दिन 12-15 किलोमीटर ड्राइव करके रूवाबाड़ी गांव...

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"केंद्र सरकार द्वारा फोन टैप करवाना लोकतंत्र का अपमान", कर्नाटक के नेता

-कारवां, इजराइली कंपनी एनएसओ समूह द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए जासूसी कराए जाने की दि वायर में प्रकाशित रिपोर्ट पर कर्नाटक के दो बड़े नेताओं ने उनके और उनके कर्मचारियों के फोन नंबरों को टैप करने की निंदा की है. एनएसओ समूह दुनिया भर की सरकारों को निगरानी तकनीक प्रदान करने वाली फर्म है. रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि जनता दल (सेक्युलर) के नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री...

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क्या भारत के कोविड डेटा पर विश्वास किया जा सकता है? देखिए यह आंकड़े

-न्यूजलॉन्ड्री, इस लेख में, हम हर दिन हर घंटे पैदा हो रहे कोविड से जुड़े डेटा को समझने का प्रयास करेंगे. लेकिन विस्तार में जाने से पहले आइए समझने की कोशिश करें कि इस लेख का उद्देश्य क्या है? लक्ष्य कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर लगता है कि बीत गई है. पिछले कुछ हफ्तों से, कोविड के रोजाना नए मामलों और प्रतिदिन होने वाली मौतों में कमी आ रही है. लेकिन दूसरी लहर...

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केन-बेतवा लिंक: नए अध्ययन के बिना डेढ़ दशक पुराने आंकड़ों के आधार पर दो राज्यों में हुआ क़रार

-द वायर, किसी भी परियोजना के चलते पर्यावरण एवं जनमानस को नुकसान होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए उस प्रोजेक्ट की उपयोगिता एवं उसके प्रभावों पर स्वतंत्र रूप से गंभीर अध्ययन कराने की मांग की जाती रही है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि इससे पड़ने वाले प्रभावों को कम किया जा सके व उससे हुई क्षति की उचित भरपाई हो सके. हालांकि जिस कार्य को करने में विशेषज्ञ महीनों...

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