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जब शौच से उपजे सोना

जब कोई युवा पढ़ाई- लिखाई करके शहरों की ओर भागने की बजाय अपनी शिक्षा और नई सोच का उपयोग अपने गाँव, ज़मीन, अपने खेतों में करने लगे तो बदलाव की एक नई कहानी लिखने लगता है, ऐसे युवा यदि सरकार और संस्थाओं से सहयोग पा जाएं तो निश्चित ही क्रान्तिकारी परिवर्तन ला देते हैं। ऐसी ही एक कहानी है ‘जब शौच से उपजे सोना’ की और कहानी के नायक हैं युवा किसान श्याम मोहन त्यागी...... आर के...

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नरेगा की दैनिक मजदूरी बढ़ी

कोलकाता : राज्य सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) के तहत दैनिक मजदूरी बढ़ाने की घोषणा की. राइटर्स बिल्डिंग में पंचायत मंत्री अनिसुर रहमान ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि नरेगा के तहत पहले मजदूरों की दैनिक मजदूरी 81 रुपये मिलती थी. इसे बढ़ा कर 100 रुपये कर दिया गया है. यह एक जनवरी 2010 से लागू होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में यह न्यूनतम मजदूरी देने...

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नरेगा के जमीनी समीकरण- सामाजिक अंकेक्षण और सरपंच

सुख अकेले टहलते हैं,दुःख झुंड बनाकर रहते हैं।सुख चेहरे से छलकता है,दुःख चेहरे पर जमा रहता है।सुखों के लिए चौराहे होते हैं और दुःखों के लिए वह कोना जहां किसी की गुजर ही नहीं। गुलाबी नगरी जयपुर में गुजरे 15 दिसंबर को स्टेशन से लगते जीपीओ के पास बने शहीद स्मारक के घेरे में आलम कुछ ऐसा ही था।   कुल 1 हजार की तादाद में पगड़ियां थीं और उनका रंग मटमैलेपन के बीच पूरी शान...

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बच्चों की सप्लाई का भंडाफोड़

खतौली (मुजफ्फरनगर)। रतनपुरी थाना क्षेत्र के गांवों में बच्चों को सप्लाई करने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने बुधवार को दो बच्चों को मुक्त कर इस धंधे का भंडाफोड़ किया है। एसओ रतनपुरी जोगेन्द्र सिंह काजला ने बताया कि मंगलवार को दिल्ली निवासी दस वर्षीय राजा पुत्र संजय और नौ वर्षीय राजेश पुत्र सुभाष को गांव कितास निवासी, हाल निवास दिल्ली एक व्यक्ति बहला-फुसलाकर अपने गांव लाया था। राजा किसी तरह उसके...

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जमींदोज हुआ डेहरी का बाध उद्योग

डेहरी-आनसोन (रोहतास) एक दशक पूर्व तक करघे की खट-खट से गुलजार रहने वाले डेहरी के शिवगंज, कमरनगंज व चौधरी मुहल्ले की मशीने शांत पड़ गयी हैं। संरक्षण के अभाव में बाध (रस्सी) का कुटीर उद्योग जमींदोज हो गया। इससे कभी सैकड़ों निषाद परिवारों के घर के चूल्हे चलते थे, आज वे दिहाड़ी मजदूर बन गये हैं। नगर परिषद के अंतर्गत पड़ने वाले चौधरी मुहल्ला, शिवगंज व कमरनगंज में लगभग 85 परिवार इससे जुड़े थे। प्रत्यक्ष...

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