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असम के नज़रबंदी शिविरों में 2016 से अब तक 28 बंदियों की मौत हुई: सरकार

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को बताया कि असम में गैरकानूनी तरीके से रह रहे विदेशी नागरिकों की नज़रबंदी के लिए संचालित छह शिविरों में 2016 से अब तक 28 लोगों की विभिन्न बीमारियों के कारण मौत हुई है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि 2016 से इस साल 13 अक्टूबर तक असम के छह नज़रबंदी शिविरों में...

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पंजाब सरकार का कानून जिसने समूचे उत्तर भारत को स्मॉग के कुचक्र में ढकेला

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की राजधानी दिल्ली में हेल्थ एमरजेंसी (स्वास्थ्य आपातकाल) की घोषणा की गई है. धुंध (स्मॉग) की चादर में लिपटी दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता “खतरनाक” स्तर को पार कर गई  है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थापित संस्थान इंवॉयरमेंट पॉल्यूशन (प्रीवेंशन एंड कंट्रोल) ऑथरिटी (ईपीसीए) ने शुक्रवार, एक नवंबर को पब्लिक हेल्थ इमेरजेंसी घोषित कर दिया. भारत की यह खबर दुनिया भर के अखबारों में...

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हर चार टीबी मरीजों में से एक भारत का; कुपोषण बड़ा कारण है टीबी का

ग्लोबल ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रिपोर्ट 2019 की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक टीबी बीमारी के लिए पांच कारण पाए गए हैं जिसमें से सबसे बड़ा कारण अल्प पोषण का है, यानी कम भोजन मिलना। वर्ष 2018 के दौरान भारत में करीब 7 लाख टीबी मामले अल्प पोषण के कारण पाए गए हैं। अन्य चार टीबी होने के जोखिमों में शराब पीना, धूम्रपान, मधुमेह और एचआईवी का होना शामिल है। डा. शाह आलम खान (एम्स, नई...

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मोदी के आरसीईपी पर अच्छे राजनीतिक कदम का मजाक न उड़ाएं, यह इन दिनों दुर्लभ है - योगेंद्र यादव

सात साल से चल रही बातचीत पर मंजूरी की मोहर लगाने के लिए बुलाए गए बैंकॉक सम्मेलन के ऐन बीच में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) से बाहर रहने का फैसला लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गहरी राजनीतिक सूझ-बूझ का परिचय दिया है. आरसीईपी से बाहर रहना सचमुच बहुत बड़ा फैसला है. आरसीईपी मुक्त-व्यापार का कोई साधारण समझौता नहीं. यह चीन, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के साथ-साथ दक्षिण-पूर्वी एशिया तथा पूर्वी एशिया...

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सरकार की पकड़ से कोर्ट को छुड़ाने और जनता का भरोसा जीतने तक, बहुत दारोमदार है जस्टिस गोगोई के अंतिम 4 फैसलों पर

भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के 17 नवंबर को सेवानिवृत होने से पहले चार महत्वपूर्ण मामलों में फैसले सुनाने की उम्मीद है, जो भारत और इसके शासन के तौर-तरीके के लिए दूरगामी प्रभाव वाले होंगे. ये इन फैसलों, खास कर जो रिटायर हो रहे गोगोई लिखेंगे, के जरिए सुप्रीम कोर्ट के आभामंडल को कुछ हद तक पुनर्स्थापित करने का भी अवसर है. ऐसा इसलिए क्योंकि देश की सर्वोच्च अदालत ने...

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