हाल ही में मुझे प्राथमिक शिक्षा से जुड़े एक सर्वेक्षण के दौरान राजस्थान के राजसमंद जिले के एक स्कूल में पांचवीं और छठी कक्षा के बच्चों से बातचीत करने का मौका मिला। कक्षा में पहुंचते ही असमंजस में पड़ गया कि बच्चों से बातचीत की शुरुआत कहां से करूं, पाठ्यपुस्तकों से या किसी और विषय से! दरअसल, इससे पहले मेरा बच्चों को पढ़ाने से संबंधित कोई अनुभव नहीं रहा था।...
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महंगाई में किसका स्वार्थ है-- अश्वनी कुमार ‘शुकरात'
फिल्म ‘पीपली लाइव' का एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत के माध्यम से एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक समस्या महंगाई की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। गीत के बोल हैं- ‘सइयां तो बहुत कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है।' यानी रात-दिन काम करने के बावजूद कमाई की अपेक्षा महंगाई कई गुना अधिक बढ़ती जा रही है। इसलिए घर में जो जरूरी पदार्थ आने चाहिए, वे...
More »भूकंप से पर्यावरण को भी जोड़कर देखें-- अनिल प्रकाश जोशी
इतने कम अंतराल में दक्षिण एशिया में आए दो बड़े भूकंप से हमें कुछ तो सीखना ही होगा। पहले नेपाल में और अब अफगानिस्तान में आया भूकंप यह संकेत है कि हमें नए सिरे से पर्यावरण को समझना होगा। पर्यावरण और भूकंप दो अलग-अलग विषय हो सकते हैं, पर भूकंप की वजह से होने वाले नुकसान से पता चलता है कि पर्यावरण के प्रति हमारा व्यवहार कैसा हो गया है। पृथ्वी...
More »RBI गवर्नर बोले देश का बिगड़ता माहौल रोक देगा विकास का पहिया
आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र और वर्तमान में आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन शनिवार को आईआईटी दिल्ली के दीक्षांत समारोह में चीफ गेस्ट बनकर पहुंचे। वहां रघुराम राजन छात्रों से मुखातिब हुए और कुछ ऐसे मुद्दों को छुआ जो इस समय पूरे देश में चर्चा का विषय बने हुए हैं। अपना संबोधन शुरू करने से पहले ही राजन ने छात्रों से कह दिया था कि अक्सर दीक्षांत समारोहों में चीफ गेस्ट...
More »कैसे करें सूखे का सामना-- बाबा मायाराम
पिछले साल किसान सूखे की मार झेल चुके हैं। इस साल फिर सूखा पड़ गया। जबकि कुछ वर्षों से किसान निरंतर संकट में हैं। उनकी हालत पहले से ही खराब है। इस वर्ष सूखे ने उन्हें गहरे संकट में डाल दिया है। भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली है। खुद कृषि मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है कि सामान्य से पंद्रह-सोलह फीसद कम बारिश हुई। इससे खरीफ की फसल...
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