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कुंभ का शाही स्नान नजदीक, पीने लायक नहीं हुआ अभी गंगाजल

-डाउन टू अर्थ, कोरोना महमारी के दौरान उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित हो रहे महाकुंभ में गंगा को करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ बनाए रखने की चुनौती जारी है। हाल ही में दून यूनिवर्सिटी के शोध में बताया गया है कि शहरी क्षेत्रों में गुजरने वाली गंगा धारा में बहुत उच्च स्तरीय प्रदूषक हैं। वहीं, गंगा की रोजाना होने वाली निगरानी में भी कई स्थानों पर गंगा जल श्रद्धालुओं के लिए...

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प्रश्न प्रदेश: योगी सरकार का चार साल का जश्न और गन्ना किसानों की परेशानी

-न्यूजक्लिक, चार दशकों में जो न हो पाया ......चार वर्षों में कर दिखाया           प्रधानमंत्री जी का विजन हो साकार....... काम दमदार योगी सरकार" क्योंकि पिछले कुछ दिनों से उत्तर (प्रश्न) प्रदेश की सरकार का यह प्रिय स्लोगन बना हुआ है, इसलिए शुरुआत इसी से करना बेहतर है। अब यह बताते चलें कि आखिर क्यों यह स्लोगन यूपी सरकार का प्रिय बना हुआ है, कारण है योगी सरकार का बीते...

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कृषि क़ानून और खाद्य सुरक्षा

-न्यूजक्लिक, मोदी सरकार ने जो तीन कृषि कानून हड़बड़ी में संसद से पारित करवाए हैं, वे किसान उत्पादकों को सीधे कॉर्पोरेट खरीदारों का सामना करने के लिए छोड़ देते हैं, और तो और उनके बीच राज्य का कोई हस्तक्षेप ही नहीं रहेगा। सरकार का दावा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था के रूप में उसका हस्तक्षेप तो फिर भी बना रहेगा। लेकिन, यह मानने वाली बात नहीं है। अगर एमएसपी की...

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नरेंद्र मोदी के लिए राजनीतिक मुसीबत बन सकती है सरकारी संपत्तियों की थोक बिक्री

-द वायर, राजनीतिक-आर्थिक सुधारों के प्रति रवैये की बात करें, तो 2021 के नरेंद्र मोदी, 2015 के नरेंद्र मोदी से काफी अलग नजर आते हैं. इन दो अलग-अलग रवैयों के पीछे के कारण और प्रेरणाएं अपने आप में अध्ययन का विषय हैं. 2015 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के ड्राफ्ट बजट प्रस्तावों को यहां याद किया जा सकता है. उस समय के सुधारों का केंद्रबिंदु आखिरकार सरकार के नियंत्रण में रह जानेवाले...

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मनरेगा से बने चेकडैम से 10 गुणा तक बढ़ी ग्रामीणों की आमदनी

-डाउन टू अर्थ, जालौन जिले के मीगनी ग्राम पंचायत के तहत आने वाले हिम्मतपुरा और मीगनी गांव की तस्वीर बदलने में मनरेगा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसका सबसे अधिक फायदा दलित और वंचित तबकों को पहुंचा है। इसे हिम्मतपुरा गांव से समझा जा सकता है। गांव में सभी निवासी दलित समुदाय के हैं। इस गांव में साल 2004 में परमार्थ समाजसेवी संस्था की मदद से एक चेकडैम बनाया गया था।...

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