जागरण ब्यूरो, भोपाल। गर्मी बढ़ने के साथ साथ मध्य प्रदेश में पानी का संकट विकट होता जा रहा है। एक चौथाई से ज्यादा नगरीय निकायों में हर दिन पानी दे पाना स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में तो हाल और भी बदतर है। आदिवासी बहुल जिले धार झाबुआ में पेयजल संकट के सबसे बुरे हाल है। झाबुआ जिले के पेटलावद विकास खंड के 77...
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शिक्षा की अलख जलाने वाले शिक्षक करते हैं बूट-पॉलिस
पाकुड़। हालात-ए-जिस्म सूरत-ए-खराब, वहां और भी खराब यहां और भी खराब ये पंक्ति सरकार को शर्मसार करने वाली सूबे की खराब हालात की एक ऐसी ही दास्तांन बयां करती है। ये दास्तांन है पाकुड़ के एक ऐसे शिक्षक की जो पिछले 25 वर्षो से शिक्षा की अलख जला रहे हैं, परन्तु इस एवज में यदि उन्हें कुछ मिला है तो बूट-पॉलिस का धंधा, गरीबी व जिल्लत भरी जिंदगी। जिले के अमड़ापाड़ा...
More »किसान संघ की मांगों पर सक्रिय हुई सरकार
भोपाल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की संस्था भारतीय किसान संघ के तेवरों को देखते हुए भाजपा सरकार उनकी मांगों को पूरा करने के लिए सक्रिय हो गई है। सरकार ने किसानों के खिलाफ दर्ज बिजली चोरी के मामलों के निराकरण के लिए व्यापक निर्देश जारी कर दिए हैं। ज्ञातव्य है कि लगभग एक माह पूर्व भारतीय किसान संघ ने भोपाल की सड़कों पर कब्जा जमाकर सरकार की नींद उड़ा...
More »टमाटर के नुकसान से सरकार अनजान
रायपुर.प्रदेश में टमाटर की फसल करीब 80 फीसदी बर्बाद हो चुकी है, किसान बेहाल हैं, लेकिन सरकार को इसकी खबर ही नहीं है। प्रदेश सरकार ने केंद्र से किसानों के लिए जो विशेष पैकेज मांगा है उसमें टमाटर का जिक्र तक नहीं है। हाल में हुई बारिश से प्रदेश में किसानी को हुए नुकसान का आकलन करने की जिम्मेदारी राजस्व विभाग को दी गई थी। ऐसे में उद्यानिकी विभाग ने अपनी ओर से...
More »जैविक का व्यापार, एनजीओ और सरकार --- योगेश दीवान
कितना आश्चर्यजनक है कि अचानक मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री पानी बाबा की तर्ज पर ''जैविक बाबा'' हो जाते हैं और मुख्यमंत्री जैविक प्रदेश घोषित करने के लिये धन्यवाद के पात्र. ये वही मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री हैं, जो कुछ दिन पहले तक और अभी भी प्रदेश की खेतिहर जमीन को बड़ी ही सामंती उदारता से बड़ी-बड़ी कंपनियों को बांटते हुए फोटो खिंचा रहे थे. इसे परंपरागत जैविक के एकदम खिलाफ...
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