दो दशक से अधिक समय से वैश्विक संधि की अनवरत विफल कोशिशों के बाद एक बार फिर उम्मीदों के घोड़ों पर सवार संयुक्त राष्ट्र के वार्ताकार सोमवार से दक्षिण अमेरिका में जमा हुए हैं। उनकी कोशिश यही है कि इस बार बात बन जाए। हालांकि ग्रीन हाउस गैस के मौजूदा उत्सर्जन में कटौती करने संबंधी समझौते के बावजूद वैज्ञानिकों का आकलन है कि दुनिया की आबोहवा तेजी से खराब होती...
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दवा क्षेत्र में भी चीन की दादागीरी
अमेरिका और यूरोपीय देश ही नहीं भारत में भी दवा क्षेत्र में चीन की दादागीरी खतरनाक रूप में है। इतनी खतरनाक कि एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) ने भी सरकार को अगाह किया है कि समय रहते नहीं चेते तो चीन बड़ा खतरा खड़ा कर सकता है। एनएसए के पास चेतावनी का पर्याप्त कारण है। दरअसल भारत में बनने वाली दवाओं का 90 फीसदी कच्चा माल यानि एपीआई (एक्टिव फार्मास्टियुकल इन्ग्रीडीएंट)...
More »विदेशी फसल टाऊ को अपना लिया सरगुजिहा किसानों ने
अंबिकापुर(निप्र)। छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में विदेशी फसल टाऊ को अब न सिर्फ तिब्बती बल्कि स्थानीय किसानों ने अपना लिया है। स्थानीय किसानों ने इस बार लगभगर 10 हजार हेक्टेयर में टाऊ की फसल ली है। पूरा मैनपाट टाऊ की फसल से लहलहा उठा है। प्राकृतिक रूप से सुंदर मैनपाट में टाऊ के फूल सैलानियों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। सैलानियों के लिए जरूर...
More »अब नहीं खरीदना होगा बाहर का गेहूं बीज
पटना: रबी में इस बार राज्य के बाहर उत्पादित बीजों से गेहूं की पैदावार नहीं होगी. कृषि विभाग के फार्म में तैयार बीजों से गेहूं की बोआई होगी. राज्य में इस बार करीब 25 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगने का अनुमान है. इसके लिए करीब एक लाख 70 हजार क्विंटल बीज की जरूरत पड़ेगी. इतनी मात्र में बीजों का उत्पादन कृषि फार्म में कर लिया गया है. कृषि रोडमैप...
More »खरगोन जिले से छिन सकता है मिर्च का 'लाल ताज'
विवेक वर्द्धन श्रीवास्तव, खरगोन। पिछले कुछ वर्षों से जिले की मिर्च जैसी उपज ने एशिया में अपनी खास जगह बनाई है। भारत में आंध्रप्रदेश के गुंटूर को उत्पादकता व गुणवत्ता में टक्कर देकर इस क्षेत्र ने अपना ध्यान खींचा। परंतु इस वर्ष मिर्च के क्षेत्र में उपलब्धि का 'लाल ताज' छिन सकता है। यहां फैले वायरस ने ना केवल फसलें बर्बाद कर दी बल्कि उत्पादकता पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला। किसान...
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