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पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य

पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...

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केंद्रीय बजट में ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने पर जोर लेकिन चुनौतियों से निपटना जरूरी

मोंगाबे हिंदी, 2 मार्च एक फरवरी , 2023 को केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शुरू करने की बहुप्रतीक्षित घोषणा की। मिशन के तहत, सरकार की 2030 तक 5 मिलियन मेट्रिक टन (एमएमटी) ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की योजना है। ‘ग्रीन हाइड्रोजन मिशन’ बजट में की गई उन घोषणाओं में से एक है जो देश को कार्बन मुक्त करने के रास्ते पर ले जाने...

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वर्ष 2022 में सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में 8.8 फीसदी की कमी आई: रिपोर्ट

द वायर, 2 मार्च वर्ष 2022 में, देश भर में कुल 5,65,000 नए ग्राहक नई पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल हुए. 2021 में यह आंकड़ा 6,19,835 था. बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, 2021 की तुलना में 2022 के आंकड़ों में 8.8 फीसदी की गिरावट आई है. यह देखते हुए कि एनपीएस अब सभी केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए अनिवार्य है और अधिकांश राज्यों में सरकारी नौकरियों के लिए भी अनिवार्य है, विश्लेषकों का...

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जलवायु परिवर्तन से जंग की आड़ में वैश्विक व्यापार में असमानता को बढ़ा रहे विकसित देश: सीएसई

डाउन टू अर्थ, 2 मार्च जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई की आड़ में अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसी दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्तियां मुक्त व्यापार का दामन छोड़ रही हैं। बड़े पैमाने पर सब्सिडी और टैरिफ के साथ यह देश संरक्षणवाद की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन क्या जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जारी जंग और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को इससे फायदा होगा। इस बारे में नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर...

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सरसों के भाव एमएसपी से नीचे आए, खाद्य तेलों के रिकॉर्ड आयात का दाम पर पड़ रहा असर, पामोलिन पर ड्यूटी बढ़ाने की मांग

रूरल वॉयस, 2 मार्च आलू और प्याज के बाद अब सरसों के भाव किसानों के लिए परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं। मंडियों में सरसों की आवक तेज होते ही कीमतें घटने लगी हैं। देश की ज्यादातर मंडियों में नई सरसों का भाव 2022-23 के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,450 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे चल रहा है। रिकॉर्ड रकबे में बुवाई होने की वजह से पैदावार रिकॉर्ड स्तर पर...

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