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आदिवासियों के लिए नए खतरे-- के सी त्यागी

निजी क्षेत्र के उद्योगों को वन भूमि आवंटित करने वाले सरकार के हालिया फैसले ने एक बार फिर आदिवासियों को चिंतित किया है। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा लिए गए फैसले से निजी कंपनियों को पेड़ों की कटाई की आजादी होगी। यह विधेयक संसद के आगामी सत्र में पेश किया जा सकता है, लेकिन साफ है कि इस दिशा में किसी भी तरह का संशोधन वन अधिकार अधिनियम को...

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अति पिछड़ों की राजनीतिक भूमिका-- बद्री नारायण

बिहार में अब सिर्फ दलितों और पिछड़ों की राजनीति नहीं हो रही, इसकी राजनीति का नया रुझान महादलित और अति पिछड़ों से जुड़ा है। ये दो श्रेणियां बताती हैं कि जिन्हें हम दलित और पिछड़े वर्गों की तरह देखते हैं, उनका स्वरूप हर जगह एक सा नहीं है। इन वर्गों के भीतर भी गैर-बराबरी, ऊंच-नीच या भेदभाव है। इसके चलते संसाधनों का समान वितरण नहीं हो पाता। इनके भीतर भी ऐसी...

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रोगों से जूझते टिहरी बांध के गांव-- सुरेश भाई

टिहरी बांध के चारों ओर बसे सौड़, उप्पू, डांग, मोटणा, भैंगा, जसपुर, डोबरा, पलाम, भल्डियाना और धरवाल आदि गांवों में सितंबर की शुरुआत से ही नई समस्या खड़ी हो गई है। इन गांवों में मलेरिया और वाइरल बुखार का प्रकोप फैल रहा है। सात-आठ सितंबर को सौ से ज्यादा लोगों को तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द जैसी शिकायतों के कारण नई टिहरी जिला अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। मरीजों की इतनी...

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यूपीए-2 बनाम एनडीए-- सेहत पर किसका खर्च ज्यादा?

क्या यूपीए-2 के शासन के पहले साल के मुकाबले एनडीए की सरकार ने शासन के अपने पहले साल में स्वास्थ्य के मद में कम खर्च किया ?   हाल ही में जारी नेशनल हैल्थ प्रोफाइल 2015 के तथ्य ऐसा ही संकेत कर रहे हैं. साल 2009-10 में स्वास्थ्य के मद में खर्च होने वाले हर सौ रुपये में केंद्र सरकार ने 36 रुपये का खर्च किया और राज्य सरकारों ने 64 रुपये...

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पांच फीट चौड़ी रह गयी स्वर्णरेखा, इसे बचाइए

राजधानी रांची में हरमू नदी का जीर्णाेद्धार हाे रहा है. अच्छी काेशिश है. पर दूसरी आेर झारखंड की लाइफलाइन कही जानेवाली स्वर्णरेखा नदी की स्थिति काफी खराब हाे गयी है. नगड़ी का रानीचुआं इस नदी का उदगम स्थल है. हटिया में इस नदी की चाैड़ाई पांच फीट हाे गयी है. पानी सड़ गया है. अतिक्रमण की मार भी यह नदी झेल रही है. अगर इसे नहीं बचाया...

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