एक सर्जन, एक सहयोगी डाक्टर और छह घंटे में 83 महिलाओं की नसबंदी! मतलब पौने पाँच(4.33 मि.) मिनट से भी कम समय में एक महिला की नसबंदी की गई! नतीजा , ग्यारह महिलाओं की संक्रमण से मौत! यह मात्र डाक्टरों की लापरवाही की वजह से हुआ जैसा कि छत्तीसगढ़ की सरकार कहती है(देखें समाचार) या इस लापरवाही का रिश्ता ग्रामीण स्वास्थ्य-ढांचे में व्याप्त अभाव से है ? सरकारी स्वास्थ्य ढांचे से संबंधित आधिकारिक आंकड़े...
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बढ़ते संसाधन घटता ज्ञान - शंकर शरण
जनसत्ता 11 नवंबर, 2014: एक समय था जब देश के जिला केंद्र ही नहीं, अनेक कस्बों में भी भाषा, गणित और विज्ञान के ऐसे शिक्षक होते थे जिनकी स्थानीय ख्याति हुआ करती थी। यह दो पीढ़ी पहले तक की बात है। तब विद्यालयों के पास संसाधन कम थे और शिक्षकों का वेतन भी बहुत कम था। स्कूल के कमरे, मामूली कुर्सी, बेंच, पुस्तक, छात्र और शिक्षक, यही तत्त्व शिक्षा-परिदृश्य बनाते...
More »अंग्रेजी पढ़ने करना पड़ रहा 110 किमी का सफर
बिलासपुर (निप्र)। बिलासपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध रायगढ़ जिले के किसी भी कॉलेज में एमए अंग्रेजी विषय नहीं है। इसके कारण सैकड़ों छात्र प्राइवेट परीक्षा फार्म लेने 110 किलोमीटर का सफर तय कर शहर पहुंच रहे हैं। फार्म की कमी और कॉलेजों में सीटें फुल होने के कारण यहां भी उन्हें निराश होना पड़ रहा है। बिलासपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध रायगढ़ जिले में 31 कॉलेज हैं। यहां किसी भी कॉलेज में अंग्रेजी...
More »काले धन की मरीचिका में हम - विजय संघवी
हमारा देश एक मरीचिका का पीछा कर रहा है, जिसका नाम है विदेशों में जमा काला धन। अगर काले धन का शगूफा बार-बार छेड़ा जाता है तो उसका कारण यह है कि इससे राजनेताओं को दूसरे मामलों से देशवासियों का ध्यान भटकाने का मौका मिल जाता है, अफसरों को देश में मौजूद काली संपदा को नजरअंदाज करने की सुविधा मिल जाती है, न्यायपालिका को सरकार को फटकार लगाने का अवसर...
More »जबलपुर के पास एक एकड़ में आई 50 क्विंटल धान
शहपुरा (भिटौनी, जबलपुर)। शहपुरा ब्लॉक के गडर पिपरिया के एक खेत में धान की औसतन पैदावार एक एकड़ रकबे में 50 क्विंटल का अनुमान लगाया जा रहा है। किसान और क्षेत्र के कृषि अधिकारी इसे धान की सबसे अधिक पैदावार होने का दावा कर रहे हैं। हालांकि अभी फसल की पूरी कटाई नहीं हुई है। पांच वर्ग फीट रकबे की फसल को काटकर औसतन निकाला गया है। रोपा पद्धति से बोई...
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