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15 महीने की ऊंचाई पर खुदरा महंगाई दर, 4.88 फीसद रहा CPI

नई दिल्ली। चुनावी मौसम के बीच नवंबर महीने में भी आम जनता को महंगाई से राहत मिलती नहीं दिख रही है। कम से उपभोक्ता मूल्य आधारित मूल्य सूचकांक के मुताबिक खुदरा महंगाई दर नवंबर में ( सीपीआई) 4.8 फीसद रही। खुदरा महंगाई की ये दर पिछले 15 महीनों में सबसे ज्यादा है। आपको बता दें कि अक्टूबर महीने में यह 3.58 फीसद रही थी। आपको बता दें कि रायटर्स के एक...

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बुलेट ट्रेन से पहले बुलेट इंटरनेट- ओसामा मंजर

मध्य प्रदेश के चंदेरी में एक सामुदायिक सूचना संसाधन केंद्र (सीआईआरसी) पर 10 वर्ष का लड़का आता है और यू-ट्यूब पर अपने पसंदीदा कलाकारों की नई फिल्मों के नाचते-गाते वीडियो देखता है। वह वीडियो डाउनलोड करता है, अपनी डिवाइस में उनको सेव करता है और फिर वापस घर लौट जाता है, ताकि उन वीडियो को देखकर वह अपने डांस की प्रैक्टिस कर सके। अपने इस काम में वह इतना...

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मीडिया से कुछ असहज सवाल-- मृणाल पांडे

एक जमाने में सबको खबर देने और सबकी खबर लेने का गर्व से दावा करनेवाला, अपने को जनता का पक्षधर और सबसे तेज, निर्भीक और निष्पक्ष बतानेवाला मीडिया का एक हिस्सा आज अपने मालिकान और खुद अपने हित स्वार्थों की राजनीति से अंतरंग जुड़ाव को लेकर सवालों के कठघरे में खड़ा है. जिस दौर में राजनीति ही नहीं, मीडिया का रूप, खबरें देने के तरीके और दायरे बदलते जा रहे...

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किसी भी राशन दुकान से अनाज ले सकेंगे उपभोक्ता, PDS सिस्टम में होगा सुधार

नई दिल्ली। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में राशन चोरी रोकने और उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर अनाज वितरण के लिए तकनीक के इस्तेमाल से कई फायदे मिल रहे हैं। आने वाले वक्त में समूचा तंत्र दुरुस्त होने पर उपभोक्ताओं को किसी भी राशन दुकान से अनाज खरीदने की छूट भी मिलेगी।   राशन प्रणाली में सुधार विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में कई मुद्दों पर सभी राज्यों ने आम सहमति जताई। समूची...

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बीमार स्वास्थ्य तंत्र का निदान-- राजू पांडेय

विश्व स्वास्थ्य सूचकांक में भारत का स्थान 188 देशों में 143वां है। भारत स्वास्थ्य पर अपने जीडीपी का सिर्फ 1.4 प्रतिशत व्यय करता है। जबकि अमेरिका जीडीपी का 8.3 प्रतिशत, चीन 3.1 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका 4.2 प्रतिशत व्यय करता है। स्वास्थ्यमंत्री फरवरी 2015 में राज्यसभा में यह स्वीकारकर चुके हैं कि देश में चौबीस लाख नर्सों और चौदह लाख डॉक्टरों की कमी है। हम प्रतिवर्ष केवल साढ़े पांच हजार...

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