भारतीय खाद्य निगम अब अनाज को सड़ने से बचाने के लिए विदेशी कम्पनी मोर्गन स्टेनली की मदद लेने जा रहा है। मोटे तौर पर यह कम्पनी भारतीय खाद्य निगम को यह सिखाएगी कि अनाजों की खरीद, ढ़ुलाई और बफर स्टॉक की मात्रा तय करने से लेकर उसके रख-रखाव और वितरण की व्यवस्था को कैसे चुस्त-दुरुस्त रखा जा सकता है। पिछले कुछ सालों से अनाज के उचित भंडारण के अभाव में खुले...
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खाद्यान्न की जरूरत सरकारी खरीद से ज्यादा
नई दिल्ली। प्रस्तावित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक के तहत देश के कम से कम 75 प्रतिशत आबादी को इसके दायरे में लेने के लिए राष्ट्रीय सलाहकार परिषद [एनएसी] की सिफारिशों को लागू करने हेतु संप्रग सरकार को हर साल करीब 6.2 करोड़ टन खाद्यान्न की आवश्यकता होगी। खाद्यान्नों की आवश्यकता सरकार के द्वारा पिछले वर्ष की गई 5.4 करोड़ टन की खरीद से कहीं अधिक है। हाल में संप्रग अध्यक्ष...
More »किसानों पर केन्द्रित नीति बने,मंत्रियों की बैठक में चिंतन
रायपुर ! भाजपा शासित सभी 7 राज्यों के कृषि एवं खाद्य मंत्रियों की बैठक आज भाजपा सुशासन प्रकोष्ठ नई दिल्ली द्वारा आयोजित की गई। राजधानी के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित इस बैठक में मंत्रियों एवं उनके प्रतिनिधियों ने कृषि और किसानों की दशा पर चिंतन किया। बैठक में 19 महत्वपूर्ण निर्णयों को पारित करने केन्द्र सरकार से मांग करते हुए भाजपा ने भारत की कृषि नीति किसानों पर केन्द्रित...
More »अब दलहन की पैदावार बढ़ाए जाने पर जोर
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत खाद्यान्न उत्पादन बढऩे के लिए चालू वित्त वर्ष में 30 सितंबर तक केंद्र सरकार 787 करोड़ रुपये आवंटित कर चुकी है। गेहूं का उत्पादन तय लक्ष्य से ज्यादा हो रहा है जबकि चावल का उत्पादन बढ़कर चालू सीजन में तय लक्ष्य पूरा होने की संभावना है। इसीलिए अब दालों के उत्पादन को बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसीलिए सबसे ज्यादा आवंटन...
More »जीएम खाद्य थोपने पर तुली सरकार-रविंद्र गिन्नौरे
1.दुनिया के किसी देश की सरकार ने ऐसी पहल नहीं की, जो हमारी सरकार करने जा रही है. 2.केंद्र सरकार ने स्पष्ट कह दिया है कि जीएम खाद्य स्वास्थ्य को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाते. 3.दूसरी ओर, भारत में जेनेटिक मोडिफ़ाइड फ़सलों के अपशिष्ट को खाकर कई स्थानों पर पशु मारे जा चुके हैं. भारत सरकार जिस तरह जीएम खाद्य फ़सलों को हम पर थोपने पर तुली है वह शंका का कारण...
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