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कीमतें कम हों या ज्‍यादा नुकसान हमेशा किसान का-- अमित मोहन प्रसाद

हाल ही में अरहर की दाल की कीमतें 200 रुपए प्रति किलो तक जा पहुंचीं। उपभोक्‍ताओं के अलावा सरकार को भी नहीं समझ आया कि वे क्‍या करें। बहुत पुरानी बात नहीं है, जब प्‍याज की ऊंची कीमतों ने आम लोगों के आंसू निकाल दिए थे। इन दोनों ही मामलों में बिचौलियों और दुकानदारों ने जमकर मुनाफा कमाया। लेकिन‍ किसी ने सोचा कि किसानों को क्‍या फायदा मिला? दाल और...

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घटी सरसों की पैदावार तो बढ़े तेल के दाम

नई दिल्ली। दालों के साथ अब सरसों तेल भी अपना रंग बदलने लगा है। जिंस बाजार में सरसों तेल के मूल्य में तेजी का रुख बनने लगा है। राष्ट्रीय राजधानी में सरसों तेल का मूल्य पिछले छह महीने के भीतर करीब 25 फीसद बढ़कर 145 रुपये किलो तक पहुंच गया है। मूल्य वृद्धि के लिए बीते रबी सीजन में सरसों की कम पैदावार को जिम्मेदार बताया जा रहा है। पिछले...

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जलवायु संकट के सबक-- अरुण तिवारी

पिछले ग्यारह हजार तीन सौ सालों की तुलना में आज पृथ्वी सबसे गर्म है। उत्तरी ध्रुव के आर्कटिक सागर में इस बार 1970 के बाद सबसे कम बर्फ जमी है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव से बाहर दुनिया का सबसे बड़ा बर्फ भंडार, तिब्बत में ही है। इसी नाते तिब्बत को ‘दुनिया की छत' कहा जाता है। इस नाते आप तिब्बत को दुनिया का तीसरा ध्रुव भी कह सकते हैं। यह...

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फ़सल बंपर, लेकिन किसान क्यों दे रहे जान?-- जुबैर अहमद

18 वर्षीय लवप्रीत सिंह का जीवन सामान्य तरीके से गुज़र रहा था. लेकिन पिछले महीने उनकी ज़िन्दगी में तब उथल-पुथल आई जब उनके पिता, 42 वर्षीय किसान बलविंदर सिंह, ने आत्महत्या कर ली. अमृतसर के निकट एक छोटे से गांव में अब वह अपनी मां और दादी के साथ रहते हैं और अकेली संतान होने के नाते परिवार की सारी ज़िम्मेदारियां उनके युवा कधों पर आ गई हैं. धान के दाम तेज़ी...

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कैसे करें सूखे का सामना-- बाबा मायाराम

पिछले साल किसान सूखे की मार झेल चुके हैं। इस साल फिर सूखा पड़ गया। जबकि कुछ वर्षों से किसान निरंतर संकट में हैं। उनकी हालत पहले से ही खराब है। इस वर्ष सूखे ने उन्हें गहरे संकट में डाल दिया है। भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली है। खुद कृषि मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है कि सामान्य से पंद्रह-सोलह फीसद कम बारिश हुई। इससे खरीफ की फसल...

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