-डाउन टू अर्थ, कोरोना महमारी के दौरान उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित हो रहे महाकुंभ में गंगा को करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ बनाए रखने की चुनौती जारी है। हाल ही में दून यूनिवर्सिटी के शोध में बताया गया है कि शहरी क्षेत्रों में गुजरने वाली गंगा धारा में बहुत उच्च स्तरीय प्रदूषक हैं। वहीं, गंगा की रोजाना होने वाली निगरानी में भी कई स्थानों पर गंगा जल श्रद्धालुओं के लिए...
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पवन ऊर्जा ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को 110 मिलियन कारों के धुएं से दी निजात
-जनपथ, क्या आपको पता है एशिया पैसिफिक के जिस क्षेत्र में आप और हम रहते हैं, वहां विंड एनर्जी की मौजूदा उत्पादन क्षमता इतनी है कि अगर उतना बिजली उत्पादन कोयले से हो तो 510 मिलियन टन का कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन होगा? जी हाँ, सही पढ़ा आपने। दूसरे शब्दों में कहें तो बिजली उत्पादन के इस विकल्प के प्रयोग से कार्बन डाइऑक्साइड का उतना उत्सर्जन टाला जा सका जितना 110 मिलियन कारें...
More »टिड्डियों के हमलों के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल करने वाले दो भाइयों ने बताया कैसे किया था सफाया
-गांव कनेक्शन, पिछले साल जब कई राजस्थान, गुजरात समेत कई राज्यों में टिड्डियों ने तबाही मचायी थी। किसान से लेकर केंद्र सरकार तक सबके सामने चुनौती थी कि टिड्डियों से कैसे फसल बचाई जाए और कैसे इनकी बढ़ती संख्या को रोका जाए। हेलिकॉप्टर से लेकर ड्रोन तक की मदद भी ली गई थी। गुजरात में राजधानी गांधीनगर से लगभग 100 किमी दूर मेहसाणा जिले के दो भाइयों के मुताबिक उन्होंने टिड्डियों...
More »कॉरपोरेट टैक्स दरों को घटाने के बावजूद भी कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए नियमित रूप से टैक्स छूट और प्रोत्साहन जारी
अक्सर यह मुख्यधारा के अर्थशास्त्रियों द्वारा तर्क दिया जाता है कि हर साल केंद्रीय बजट का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो जाता है क्योंकि सरकार खाद्य और उर्वरक सब्सिडी पर खर्च करती है. पूरे बजट के साथ-साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के सापेक्ष इन दोनों सब्सिडी के डेटा का उपयोग अक्सर इस तर्क को बल देने के लिए किया जाता है कि आर्थिक के साथ ही साथ देश की पर्यावरणीय...
More »कृषि क़ानून और खाद्य सुरक्षा
-न्यूजक्लिक, मोदी सरकार ने जो तीन कृषि कानून हड़बड़ी में संसद से पारित करवाए हैं, वे किसान उत्पादकों को सीधे कॉर्पोरेट खरीदारों का सामना करने के लिए छोड़ देते हैं, और तो और उनके बीच राज्य का कोई हस्तक्षेप ही नहीं रहेगा। सरकार का दावा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था के रूप में उसका हस्तक्षेप तो फिर भी बना रहेगा। लेकिन, यह मानने वाली बात नहीं है। अगर एमएसपी की...
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