आजाद भारत का पहला बजट नवंबर 1947 में पेश किया था. तब से लेकर अब तक के 68 सालों में अगर देश के कोने-कोने तक सड़क, बिजली, पानी व सिंचाई का भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा व स्वास्थ्य जैसा सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं पहुंचा है, तो इसके लिए हम और हमारे बाप-दादा ही दोषी हैं. हम सिर नीचा किये गाय की तरह घास चरते रहे. कभी सिर उठा कर पूछा नहीं कि...
More »SEARCH RESULT
बजट 2016: अरुण जेटली के पिटारे से शिक्षा को मिला क्या?
बजट 2016 पेश किया जा चुका है। इसमें सबसे अधिक बजट कृषि के लिए आवंटित किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने कुछ खास कदम उठाने की बात कही है। देश में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए और सर्व शिक्षा अभियान को ध्यान में रखते हुए आने वाले दो सालों में 62 नए नवोदय विद्यालय खोलने की योजना है। साथ ही दस सरकारी और दस निजी संस्थाों...
More »आधार कार्ड को सांविधिक मान्यता दिलाने को बनेगा कानूनः जेटली
सरकार ने आधार को सांविधिक दर्जा दिलाने का निर्णय लिया है ताकि यह सुनिश्चित हो कि सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का फायदा सीधा जरूरतमंदों के खाते में पहुंचाने की विधिवत व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए कहा, हम कानून पारित करने समेत महत्वपूर्ण सुधार करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आधार मंच को सांविधिक...
More »बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए ये अहम फैसले
2016 का आम बजट पेश किया हो चुका है। बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए ये अहम फैसले लिए गए हैं। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने युवाओं के कौशल विकास पर काफी ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का अगले तीन सालों में कौशल विकास योजना के तहत एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करना है। शीर्ष शैक्षणिक संस्थाओं के लिए हेफा गठित सरकार ने एक हजार करोड़ रूपये के आरंभिक...
More »मौसम की मार से निपटने के उपाय करे सरकार
बजट में किसान कई बातों के अलावा मौसम की मार से बचाव के उपाय भी चाहता है। वह बेहतर मौसम अनुमान, फसलों की समय से क्षतिपूर्ति, सीधी सब्सिडी, सूखाग्रस्त क्षेत्रों में जैविक खेती की उम्मीदें रखता है। जानकार भी कहते हैं कि सरकार कृषि और उससे जुड़े सेक्टर में भरपूर निवेश करे ताकि सूखे में स्थितियां नियंत्रण में बनी रहें। एक नजर- बजट 2016-17: क्या हैं उम्मीदें नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो किसानों...
More »