भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी की जंतर-मंतर पर आयोजित रैली के दौरान एक किसान की खुदकुशी दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे भी बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि खेती-किसानी की बदहाली पर संजीदा होने के बजाय सभी पार्टियां सियासी रोटी सेंकने में जुट गई हैं। जहां 'आप" दिल्ली पुलिस के बहाने केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर रही है, वहीं कुछ भाजपा विरोधी कह रहे हैं कि यदि राजस्थान...
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छत्तीसगढ़ में 25 फीसदी महिलाओं का घर में ही कराया जाता है प्रसव
रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रसव की वेदना झेल रहीं करीब महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल की सुविधा नहीं मिल पा रही है। राज्य में पिछले एक साल में तीन लाख 14 हजार से अधिक प्रसव हुए। इनमें से 80 हजार 591 महिलाओं की डिलिवरी अस्पताल में न होकर घर में हुई। सरकारी भाषा में इसे गैर संस्थागत प्रसव कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में यह स्थिति ऐसे समय पर है, जब...
More »कार्यस्थल में जा कर काम करें अभियंता : चंद्रप्रकाश
राज्य के पेयजल और स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी घर-घर तक पीने का स्वच्छ पानी पहुंचाने की मुहिम पर काम कर रहे हैं. विश्व बैंक के निर्देश के बाद राज्य के ग्रामीण इलाकों में पीने का पानी पहुंचाने और ग्रामीण आबादी को खुले में शौच से मुक्त कराने में विभागीय मंत्री गंभीर भी हैं. उनका कहना है कि पीएचइडी विभाग के 32 से अधिक प्रमंडलों में पदस्थापित अभियंता मुख्यालय में कम नजर...
More »इंसाफ की डगर पर कितने कोस?- चंदन श्रीवास्तव
आज से साढ़े पांच साल पहले ग्राम न्यायालय एक्ट 2008 अमल में आया था. इसको लेकर देश के सत्ता-वर्ग ने उम्मीदों की हवा कुछ ऐसी बांधी थी, मानो अब गांवों में रामराज्य आने ही वाला है. कहा गया था कि अब देश में हर किसी को न्याय मिल सकेगा, क्योंकि यह एक्ट बनाया ही गया है निर्धन और ग्रामीण जनता को उसके दरवाजे पर पहुंच कर इंसाफ देने के लिए....
More »जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौतियां - ज्योति पारिख
स्थायी विकास पर हुए रियो सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के मसले पर दुनिया के 100 देशों के प्रमुखों ने संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन को स्वीकार किया था, लेकिन आज 23 वर्ष बाद दुनिया एक बार फिर से चौराहे पर खड़ी है कि आगे के कदम किस तरह उठाए जाएं। कई देश चाहते हैं कि सभी देशों की जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें एक कानूनी संधि से जोड़ा अथवा...
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