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कोयले की कालिख का केंद्र - नीरजा चौधरी

कोयला खदान आवंटन मामले में सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले ने साल 1993 से लेकर 2010 के बीच की केंद्र सरकारों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों की आवंटन-प्रक्रिया में कथित निष्पक्षता और पारदर्शिता की कलई खोल दी है। शीर्ष अदालत ने इस बीच के 218 कोयला ब्लॉकों के आवंटन को अवैध बताया है। इस फैसले ने उस बदतर स्थिति का खुलासा किया है, जिसमें ‘क्रोनी कैप्टिलिज्म' और ‘कमजोर नेतृत्व' एक स्तर पर...

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कोर्ट के फैसले से कहीं ऊर्जा सेक्टर के प्राण न निकल जाएं

सुप्रीम कोर्ट ने 194 कोयला खदानों का आवंटन अवैध ठहराने का ऐतिहासिक फैसला जरूर किया है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि देश और देशवासियों को इसकी बड़ी कीमत चुकाना पड़ सकती है। इन खदानों से कोयले का खनन नहीं हुआ तो देश अंधेरे में डूब सकता है, स्टील और सीमेंट जैसे ऊर्जा पर आश्रित क्षेत्र चरमरा सकते हैं। कोयला घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हड़कंप है। सियासी...

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बच्चों के हित में एकीकृत बाल संरक्षण योजना- आर के नीरद

मित्रो, बच्चों के अधिकार, स्वास्थ्य और भविष्य को लेकर परिवार, समाज और सरकार सभी चिंता करते हैं. ये इन सभी के भविष्य की बुनियाद हैं. इन्हें जितना मजबूत बनाया जायेगा, सब का भविष्य उतना ही उज्ज्वल होगा. इस तथ्य के बाद भी आंकड़े बताते हैं कि हम बच्चों की जान बचाने में अब भी पीछे हैं. जो बच्चे पैदा हो रहे हैं, उनमें कुपोषित बच्चों की संख्या भी अधिक होती है. बच्चों...

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कालिख की उजागर होती परतें - राजीव सचान

लगता है, मनमोहन सिंह को सत्ता से बाहर होने के बाद भी चैन नहीं मिलने वाला। पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के बाद अब उनके चैन में खलल डाला है पूर्व कैग विनोद राय ने। वह भी अपनी किताब के साथ हाजिर होने वाले हैं। उनकी किताब 'नॉट जस्ट एन एकाउंटेंट" अभी बाजार में नहीं आई, लेकिन उसके सार्वजनिक हुए कुछ अंश बताते हैं कि किस तरह उन पर इसके...

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न्यायिक स्वतंत्रता को खतरा- एम के वेणु

राज्य के नीति-निर्देशक तत्व के अनुच्छेद 50 में न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग रखने का निर्देश दिया गया है, ताकि उसकी स्वतंत्रता बनी रहे, जो संविधान के रखवाले की उसकी भूमिका के लिए आवश्यक है। अलबत्ता राज्य के हर अंग और लोकतंत्र के प्रत्येक सार्वजनिक पदाधिकारी की तरह न्यायपालिका भी एक संस्थान है और हर न्यायाधीश सार्वजनिक पदाधिकारी, जो राजनीतिक संप्रभुता-यानी जनता के प्रति जवाबदेह होता है। फर्क सिर्फ जवाबदेही...

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