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ऑल-राउंडर थे चो रामास्वामी -- राजदीप सरदेसाई

तमिल पत्रिका ‘तुगलक' की शुरुआत करनेवाले और उसके संपादक रहे मशहूर पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक ‘चो रामास्वामी' (श्रीनिवास अय्यर रामास्वामी) का कल सुबह चेन्नई के अस्पताल में निधन पत्रकारिता जैसे जिम्मेवार जगत के लिए एक बड़ा नुकसान है. जाहिर है, इस दौर में इस नुकसान की भरपाई बहुत मुश्किल है. चो रामास्वामी की शख्सीयत सिर्फ एक पत्रकार या संपादक तक सीमित नहीं थी, बल्कि बहुमुखी प्रतिभा के स्तर पर उनके...

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नोट बदली अभियान के तीसरे दिन भी बैंक व एटीएम पर भारी भीड़

नयी दिल्ली : नोट बंदी व नोट बदली अभियान को लेकर शनिवार के अहले सुबह से ही देश भर के विभिन्न बैंकों व एटीएम केंद्रों पर लोगों की कतार लगनी शुरू हो गयी, जो धूप निकलने के साथ लंबी होती गयी. लोगों की इस भीड़ से उनकी परेशानी साफ पता चल रही है. उधर, सरकार ने शुक्रवार शाम अनिवार्य सेवाओं में पुराने नोटों का चलन 14 नवंबर की रात 12...

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हम किसे गरीब माने-- अवधेश कुमार

हमारे-आपके लिए कौन गरीब है इसे अपने आसपास पहचानना कठिन नहीं है। लेकिन जब सरकार की ओर से गरीबों की औपचारिक पहचान की बात आती है तो समस्या बढ़ जाती है। वास्तव में भारत में कौन गरीब है इसके निर्धारण का प्रश्न एक जटिल पहेली की तरह हमारे सामने लंबे समय से खड़ा है। गरीबी तय करने को लेकर समय-समय पर कुछ मानक निर्धारित किए गए और उनके आधार पर...

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देश में बेरोजगारी की विकट चुनौती - संजय गुप्‍त

पिछले दिनों दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के इंडिया चैप्टर के सम्मेलन में एक अहम बात यह निकलकर सामने आई कि अब भी भारतीय उद्योगपति नए निवेश से कतरा रहे हैं। यह स्थिति निराश करने वाली है, क्योंकि मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था सुधारने और कारोबारी माहौल बेहतर बनाने के लिए तमाम प्रयास किए हैं। यह चिंता का विषय बनना चाहिए कि कारोबार में सहूलियत के लिए किए गए तमाम...

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राजद्रोह के मामले बिहार और झारखंड में सबसे ज्यादा-- एनसीआरबी की नई रिपोर्ट

  अलगाववादी रुझान वाले पूर्वोत्तर या जम्मू-कश्मीर में नहीं बल्कि बिहार और झारखंड में राजद्रोह की सबसे ज्यादा घटनाएं प्रकाश में आयी हैं. नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) विगत दो वर्षों से राजद्रोह के मामलों के बारे में आंकड़े प्रकाशित कर रहा है और ये आंकड़े बताते हैं कि अन्य राज्यों की तुलना में 2015 में राजद्रोह के सर्वाधिक घटनाएं बिहार में प्रकाश में आईं जबकि झारखंड 2014 में राजद्रोह की घटनाओं...

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