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संविधान और जनतंत्र-- मणीन्द्रनाथ ठाकुर

किसी देश का संविधान इस बात को सुनिश्चित करता है कि समाज में विधि का शासन है. यह एक तरह से आधुनिक विश्व की बड़ी उपलब्धि है. ऐसा नहीं है कि संविधान मात्र के होने से सुशासन होगा ही. लेकिन, इससे शासन की एक सीमा तय होती है. जिन संविधानों का निर्माण लंबे मुक्ति संघर्षों के बाद हुआ है, उनमें संघर्ष की आत्मा बसती है. भारतीय संविधान इसका अच्छा...

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नोटबंदी, जीएसटी से भारत की आर्थिक वृद्धि को लगे झटके : रघुराम राजन

वाशिंगटन : रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को देश की आर्थिक वृद्धि की राह में आने वाली ऐसी दो बड़ी अड़चन बताया जिसने पिछले साल वृद्धि की रफ्तार को प्रभावित किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सात प्रतिशत की मौजूदा वृद्धि दर देश की जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है. राजन ने बर्कले में शुक्रवार को कैलिफोर्निया...

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किसान आंदोलन का नया स्वरूप- मणीन्द्र नाथ ठाकुर

किसानों के प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि खेती किसानी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. यह तो तय है कि जैसे-जैसे उत्पादन में उद्योग धंधे और पूंजी का महत्व बढ़ता जायेगा, वैसे-वैसे किसानों की हालत बिगड़ती जायेगी. दुनियाभर के पूंजीवादी देशों को देखकर लगता है कि बिना सरकारी सहायता के किसानों की हालत अच्छी नहीं हो सकती है. भारत में पूंजीवाद के बढ़ते कदम...

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अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार, भारत पर असर-- संदीप बामजई

वैश्विक अर्थव्यवस्था में 40 प्रतिशत की दखल रखनेवाले अमेरिका और चीन के बीच छिड़े ट्रेड वार ने दोनों देशों के चार दशक पुराने रिश्ते को खत्म होने के कगार पर ला छोड़ा है. कुछ विशेषज्ञ इसे आर्थिक शीत युद्ध की आहट बता रहे हैं. वहीं, कुछ विशेषज्ञों का ऐसा भी कहना है कि यह ट्रेड वार अगले बीस वर्षों तक जारी रह सकता है. इस हफ्ते दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे...

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आर्थिक वृद्धि की रफ्तार मंद पड़ने से चीन का कर्ज बढ़कर हुआ 2,580 अरब डॉलर

बीजिंग : चीन का बढ़ता कर्ज अब 2,580 अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंच गया है. देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार मंद होने के संदर्भ में इसे बड़ी चिंता के तौर पर देखा जा रहा है. देश की शीर्ष विधायिका ने तय किया है कि स्थानीय सरकार के कर्ज की अधिकतम सीमा 21,000 अरब युआन होनी चाहिए. चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ की एक खबर में वित्त...

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