दुनिया के लिए यह एक चुनौती भरा समय है। आम जनता महंगाई और बेरोजगारी की समस्या से जूझ रही है और व्यवसाय जगत करों की ऊंची दरों और मांग में आई कमी से संघर्ष कर रहा है, क्योंकि उपभोक्ता खर्च करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। वैश्विक बाजार किसी रोलरकोस्टर पर सवार होकर एक संकट से दूसरे संकट तक की यात्रा कर रहा है। यूनान, इटली, यूरो संकट, बलरुस्कोनी का...
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कृषि की कम होती भूमिका में खाद्य संकट- रवि शंकर
बढ़ती आबादी, औद्योगिकीकरण व अन्य कारणों से घटती जमीन, आर्थिक विकास और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के कारण भारतीय कृषि भारी दबाव में है। यह सच है कि देश की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। देश की 52 प्रतिशत श्रमशक्ति कृषि तथा इससे जुड़े क्षेत्रों से ही अपना जीविकोपार्जन कर रही है। फिर भी संकट का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में...
More »जमीन आवंटन में नहीं हुई नियमों की अनदेखी : बियाडा
पटना। बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (बियाडा) द्वारा कथित तौर पर जमीन आवंटन को लेकर बिहार के विपक्षी दल भले ही हंगामा कर रहे हों और इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग कर रहे हों लेकिन बियाडा के अधिकारी साफ तौर पर कहते हैं कि जमीन आवंटन में पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है। बियाडा की प्रबंध निदेशक अंशुली आर्या ने बताया कि जमीन आवंटन...
More »जीडीपी वृद्धि 8.6 प्रतिशत रहने का अनुमान
मुंबई। सेंटर फॉर मानिटरिंग इंडियन इकनॉमी [सीएमआईई] ने अपनी मासिक समीक्षा में कहा है कि भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष के दौरान 8.6 प्रतिशत रहने की संभावना है जो बीते वित्त वर्ष में 8.5 प्रतिशत थी। सीएमआईई ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर 8.9 प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि 2010-11 में औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर 7.9...
More »जमीन दो, दोगुना दाम लो
रांची। विकास व अन्य परियोजनाओं और औद्योगिक इकाइयों के लिए स्वेच्छा से जमीन देने वाले रैयतों को सरकार वर्तमान दर की तुलना में दोगुनी राशि देगी। राज्य मंत्रिपरिषद ने इससे जुड़े झारखंड स्वैच्छिक भू अर्जन नियमावली को बुधवार को स्वीकृति दे दी। इसके अलावा तौलिया, कंबल, रुमाल, नेपकिन पर चार प्रतिशत और मोटर पार्ट्स (इंजन और चेचिस छोड़कर) पर 4 की जगह 12 फीसदी वैट लगाने को भी मंजूरी दी।...
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