22 अप्रैल को दुनिया के 192 देश 46वां विश्व पृथ्वी दिवस मना रहे हैं। लेकिन मात्र एक दिन पृथ्वी दिवस के रूप में मना कर हम प्रकृति को बर्बाद होने से नहीं रोक सकते हैं। जीवन और पर्यावरण एक-दूसरे के पूरक हैं। पर्यावरण के बगैर जीवन असम्भव है। कोई दो राय नहीं कि अगर पृथ्वी खतरे में रहेगी तो मनुष्य जाति भी खतरे में रहेगी। दुर्भाग्यवश पृथ्वी का अस्तित्व खतरे...
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पीपीपी योजना से बढ़ेगी देश में पेड़ों की खेती
इंदौर, 10 अप्रैल (एजेंसी) देश के वृक्ष आवरण में इजाफे के साथ लकड़ी का आयात घटाने के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के आधार पर महत्वाकांक्षी योजना का खाका तैयार किया है। इस योजना के तहत निजी फर्मों को वन्य क्षेत्रों की बंजर जमीन पर उपयोगी लकड़ी वाले पेड़ों की खेती की अनुमति दी जाएगी। पर्यावरण और वन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने रविवार को यहां...
More »अब नजर नहीं आतीं नन्हीं गौरैया, संरक्षण के लिए नहीं उठे कदम
कभी हमारे घरों को अपनी चीं..चीं से चहकाने वाली गौरैया अब नजर नहीं आतीं हैं। करीब 10 सालों से यह घरेलू पक्षी शहर से विलुप्त हो चुकी है। गांवों की तरफ भी कभी- कभार चहचहाहट सुनाई पड़ती है। घरों की बदलती डिजाइन, इलेक्ट्रिक पंखे समेत कई ऐसे कारण हैं जो नन्हीं गौरैया को बेदखल करने के लिए जिम्मेदार है। वन विभाग ने भी कभी इनके संरक्षण की दिशा में ठोस...
More »एक और चिपको आंदोलन की जरूरत-- अनूप नौटियाल
पर्यावरण और हरियाली बचाने को लेकर जब भी बात की जाती है, तो उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में 1970 के दशक के 'चिपको आंदोलन' का जिक्र होना स्वाभाविक है। पहाड़ के जंगलों को बचाने के लिए अलख जगाने वाली गौरा देवी और उनके सहयोगी इस आंदोलन के जनक और प्रेरणाश्रोत के रूप में देश-दुनिया में पहचाने जाते हैं। उत्तराखंड के दूर-दराज के जिले चमोली की ग्रामीण महिलाओं के अथक प्रयासों...
More »हिमाचल में बढ़ने लगा विलुप्त हो रहे इस वन्य प्राणी का कुनबा
देशभर में विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके सफेद गिद्धों की संख्या हिमाचल के वन विभाग ने सामान्य बजट और प्राकृतिक वास में सौ गुना तक बढ़ा दी है। प्रदेश के वन विभाग की इस उपलब्धि के सामने आने के बाद आसपास के प्रदेशों के वन अधिकारी इन पक्षियों के संरक्षण को लेकर संपर्क कर रहे हैं। हिमाचल वन विभाग ने पहली बार साल 2004 में इनकी गणना शुरू की...
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