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न बीज खरीदा, न खाद! 3 एकड़ से कमाती हैं 2 लाख रुपए, 3 हजार को जोड़ा रोजगार से

-द बेटर इंडिया, आज हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं, जो न तो ज्यादा पढ़ी-लिखी हैं, न ही किसी बड़े शहर में रहती हैं। बावजूद इसके, वह अपने गांव और आस-पास के कई गावों की महिलाओं के लिए एक आदर्श हैं। हम बात कर रहे हैं, गुजरात के नर्मदा जिले के सागबारा तालुका की रहनेवाली महिला किसान, उषा वसावा की।  उषा, आज से 17 साल पहले एक...

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ओबीसी और दलितों के साथ महज़ सत्ता की साझेदारी उनके आर्थिक उत्थान का विकल्प नहीं है

-द वायर, नरेंद्र मोदी के बड़े स्तर पर कैबिनेट विस्तार के कई सारे मायने निकल कर सामने आते हैं. एक तो ये व्यापक स्तर पर प्रचारित किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने पिछड़ी जातियों एवं हाशिए पर पड़े दलित समुदाय के सदस्यों को मंत्री बनाकर इन वर्गों का खास खयाल रखा है. सीएसडीएस-लोकनीति के सर्वे के अनुसार मोदी के नेतृत्व में भाजपा को पिछड़ी जाति के वोटों का काफी फायदा हुआ है, जो...

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चक्रवात यास से तबाह हुए पश्चिम बंगाल के किसान

-कारवां,  हर तरफ चेतावनी थी. सायरन और माइक्रोफोन बज रहे थे. सुंदरबन के बाली द्वीप के अन्य निवासियों की तरह परितोष विश्वास के पास भी अपना घर छोड़ने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था. वह अपने परिवार के साथ पास की एक चट्टान पर बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. "हमने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा था," उन्होंने कहा और बताया, "पानी ने एक घंटे में गांव को अपनी चपेट...

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मनरेगा का उद्देश्य कभी नहीं रहा कि मजदूरों का जातीय आधार पर वर्गीकरण हो: ज्यां द्रेज

-डाउन टू अर्थ, केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले मनरेगा भुगतान की प्रक्रिया में संशोधन किया है, जिसके चलते राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में मनरेगा मजदूरों को मजदूरी मिलने में काफी देरी हुई। यह देरी ऐसे समय में हुई जब कोविड-19 की दूसरी लहर देशभर में कहर ढा रही थी। डाउन टू अर्थ ने पिछले दो हफ्ते के दौरान देश के सबसे अधिक आबादी वाले पांच राज्यों में चल रहे...

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नेशनल हाइवे पर छोटे ढाबों के रास्ते बंद, बड़ी प्राइवेट कंपनियों के खुले द्वार!

-गांव सवेरा, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नए नियमों के अनुसार किसी भी नेशनल हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर बने पेट्रोल पंप, ढाबा, रेस्टोरेंट, कनैक्टिंग रोड़ या फिर किसी भी तरह की अन्य प्राइवेट प्रोप्रटी के लिए एनएचएआई (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) से अनुमति लेनी होगी. जिसके लिए ढाबा मालिकों को फीस के तौर पर सरकार को एक मोटी रकम देनी होगी.    26 जून 2020 को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग...

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