पेरिस में जलवायु सम्मेलन के दौरान ही चेन्न्ई में बारिश से मची तबाही के कारण आम लोगों के लिए भी जलवायु परिवर्तन और अधिक चिंता का विषय बन गया है। चेन्न्ई के संकट ने यह स्पष्ट किया कि जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली समस्याएं सिर उठा चुकी हैं और उनका सामना करने के अलावा और कोई उपाय नहीं। पेरिस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का पक्ष मजबूती...
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हिमालयी विकास का मॉडल- सुरेश भाई
हिमालय बचाओ! देश बचाओ! सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि यह हिमालय क्षेत्र में भावी विकास नीतियों को दिशाहीन होने से बचाने का भी रास्ता है। चिपको आंदोलन के दौरान पहाड़ की महिलाओं ने नारा दिया कि मिट्टी, पानी और बयार! जिंदा रहने के आधार! और ऊंचाई पर पेड़ रहेंगे! नदी ग्लेशियर टिके रहेंगे! ये तमाम नारे पहाड़ के लोगों ने दिए हैं। हिमालयी क्षेत्रों के लोगों, सामाजिक अभियानों तथा आक्रामक...
More »कैसे करें सूखे का सामना-- बाबा मायाराम
पिछले साल किसान सूखे की मार झेल चुके हैं। इस साल फिर सूखा पड़ गया। जबकि कुछ वर्षों से किसान निरंतर संकट में हैं। उनकी हालत पहले से ही खराब है। इस वर्ष सूखे ने उन्हें गहरे संकट में डाल दिया है। भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली है। खुद कृषि मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है कि सामान्य से पंद्रह-सोलह फीसद कम बारिश हुई। इससे खरीफ की फसल...
More »पहली बार बन रहे रास्ते के लिए किसानों ने दे दी 60 लाख की जमीन
कृष्णा शर्मा/ नीमच। आजादी के बाद पहली बार बन रहे रास्ते के लिए दो दर्जन से अधिक किसानों ने लाखों स्र्पए की जमीन स्वेच्छा से दे दी। इतना ही नहीं उन्होंने जमीन के समतलीकरण व पेड़ों की कटाई का काम आगे बढ़कर किया है। सिंगोली तहसील के ग्राम झांतला से गोविंदपुरा तक करीब 3 किलोमीटर लंबे रोड निर्माण के लिए राज्य शासन ने 2.71 करोड़ स्र्पए स्वीकृत किए हैं। यह...
More »रोगों से जूझते टिहरी बांध के गांव-- सुरेश भाई
टिहरी बांध के चारों ओर बसे सौड़, उप्पू, डांग, मोटणा, भैंगा, जसपुर, डोबरा, पलाम, भल्डियाना और धरवाल आदि गांवों में सितंबर की शुरुआत से ही नई समस्या खड़ी हो गई है। इन गांवों में मलेरिया और वाइरल बुखार का प्रकोप फैल रहा है। सात-आठ सितंबर को सौ से ज्यादा लोगों को तेज बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द जैसी शिकायतों के कारण नई टिहरी जिला अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। मरीजों की इतनी...
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