SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 667

35 किलो चावल के लिए चार दिन सफर करते हैं ग्रामीण

भोपालपटनम। बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक के सेंड्रा पंचायत के तीन सौ से अधिक परिवारों के लोग 35 किलो चावल के लिए चार दिन का सफर तय कर रहे हैं। दो अन्य पंचायतों के लोगों का भी यही हाल है। 2005 में सलवा जुडूम शुरू होने के बाद भोपालपटनम ब्लॉक के तीन पंचायतों सेंड्रा, बड़ेकाकलेड व एड़ापल्ली के सरकारी राशन दुकानों को ब्लॉक मुख्यालय में शिफ्ट किया गया था। इन तीन...

More »

लोकतंत्र का गड़बड़ लेखा-- अरुण कु. त्रिपाठी

वर्ष 2015-16 के बारे में एसोसिएशन फाॅर डेमोक्रेटिक रिफाॅर्म्स (एडीआर) की ताजा रपट बताती है कि हमारे लोकतंत्र का हिसाब गड़बड़ है. आयकर विभाग की सारी चुस्ती राजनीतिक दलों के दरवाजे पर आकर ठिठक जाती है और चुनाव आयोग भी उन अंधेरे हिस्सों में रोशनी डालने की कोशिश नहीं करता, जो पार्टियों के गुप्त तहखाने कहे जा सकते हैं. यह स्थितियां फिर हमारे लोकतंत्र को पारदर्शी और नैतिकता पर आधारित...

More »

नागरिक अधिकारों पर कुठाराघात-- रामबहादुर राय

बीते सोमवार को राजस्थान विधानसभा में राज्य सरकार ने एक बिल पेश किया था, जिसमें प्रावधान था कि नेताओं, लोकसेवकों तथा जजों के खिलाफ मामला दर्ज करने से पहले सरकार से इजाजत लेनी होगी. गौरतलब है कि इस बिल को विधानसभा में पेश करने से पहले राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने सितंबर महीने की 7 तारीख को एक अध्यादेश भी जारी किया था. हालांकि, इस अध्यादेश को राजस्थान हाइकोर्ट...

More »

संस्थाओं को सुदृढ़ करने का वक्त - डॉ. भरत झुनझुनवाला

अर्थशास्त्रियों में इस बात को लेकर सहमति बन रही है कि आर्थिक विकास की असल कंुजी देश की संस्थाओं में निहित है। सस्ते श्रम से आर्थिक विकास हासिल होना जरूरी नहीं है। जापान में श्रम महंगा है, फिर भी आर्थिक विकास में वह देश आगे है। आवश्यक नहीं कि प्राकृतिक संसाधनों जैसे कोयले अथवा तेल के जरिए भी विकास हासिल हो ही जाए। सिंगापुर में प्राकृतिक संसाधन शून्यप्राय हैं, फिर...

More »

गौरी लंकेश मर्डर: विचारधारा बनाम गोली-- शेखर गुप्ता

गौरी लंकेश हत्याकांड के बारे में कई चीजें हैं। एक, वे शक्तिशाली वैचारिक नेता थीं। धुर वाम-उदार विचारधारा की निर्भीक तर्कवादी थीं। दो, नियमित रूप से उन्हें दी जाने वाली धमकियों के बाद भी साहस के साथ अपनी बात कहती थीं। तीन, जैसाकि ध्रुवीकृत वातावरण में होता है, उनसे सहमत होने वाले पूरे जुनून से उनके साथ थे। जो असहमत होते वे इस वैचारिक अखाड़े की दूसरी ओर से जवाब...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close